भारत में इस साल एडवेंचर टूरिज्म की बहार, जल-थल और वायु में अवसर अपार

एडवेंचर टूरिज्म (साहसिक पर्यटन) की चाहत रखने वालों के लिए इस साल भारत में बहुत कुछ देखने को मिलेगा। पर्यटन मंत्रालय ने हाल ही में एक कैलेंडर साझा किया है कि भारत में 2023 में दो मेगा एडवेंचर ट्रेल्स (पर्यटन यात्राएं) होंगे- गंगा ट्रेल और नॉर्थवेस्टर्न हिमालयन ट्रेल।

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जैसा कि नाम से पता चलता है इन दो मेगा टूरिज्म ट्रेल्स को हिमालय और गंगा क्षेत्र में लॉन्च किया जाएगा। अमरकंटक से अरब सागर तक नर्मदा ट्रेल, कावेरी रिवर ट्रेल, कच्छ से कन्याकुमारी तक वेस्ट कोस्ट ट्रेल और पश्चिम बंगाल से कन्याकुमारी तक ईस्ट कोस्ट ट्रेल जैसे कई साहसिक ट्रेल्स पाइपलाइन में हैं। लेकिन शुरुआत गंगा ट्रेल और नॉर्थ-वेस्टर्न हिमालयन ट्रेल से करने के लिए भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय प्रयासरत है।

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खबरों के अनुसार इन सभी साहसिक पर्यटन गतिविधियों को स्थिरता और इन क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के लिए आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने में इनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाएगा।

उदाहरण के लिए जब हिमालयी क्षेत्र की बात आती है तो कोई भी पर्यटन गतिविधि उन पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय और स्वदेशी समुदायों के लिए आजीविका के लिहाज से फायदेमंद होनी चाहिए। मिसाल के तौर पर भारत के सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों पर यह बात पूरी तरह से लागू होती है। इन राज्यों में पर्यटन ही लोगों और सरकार की आय का एक बड़ा साधन है। जहां तक स्कूबा डाइविंग ठिकानों की बात है तो उसके लिए समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को ध्यान में रखते हुए किसी भी पर्यटन गतिविधि को विकसित किया जाना चाहिए।

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भारत में एडवेंचर टूरिज्म देश की प्राकृतिक सुंदरता और विविधतापूर्ण संस्कृति का पता लगाने का एक अनूठा और रोमांचकारी तरीका है। इस लिहाज से यह कहना गलत नहीं है कि भारत में एडवेंचर टूरिज्म का परिदृश्य और दायरा खासा बड़ा है। इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि भारत की भौगोलिक परिस्थितियों में भी बड़ी विविधता है। इसीलिए यहां एडवेंचर टूरिज्म के लिए रोमांचकारी ठिकानों की कमी नहीं है। मैंग्रोव और पहाड़ों से लेकर नदियों और वर्षावनों तक, भारत में सब कुछ है।