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भारतीय छात्र कार्तिक की मौत को लेकर टोरंटो पुलिस के सामने आईं उलझनें

टोरंटो पुलिस सेवा के डिटेक्टिव सार्जेंट टेरी ब्राउन ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि अपराधी और पीड़ितों ने एक-दूसरे को सीधे देखा भी था और यही वजह है कि टोरंटो पुलिस इस मामले को हेट क्राइम के रूप में वर्गीकृत करने के लिए तैयार नहीं है। टेरी ब्राउन ने कहा कि हत्याएं बिना सोचे समझे की गई लगती हैं।

कनाडा में मारे गए 21 वर्षीय भारतीय छात्र कार्तिक वासुदेव की हत्या को लेकर टोरंटो पुलिस की ओर से नई जानकारी सामने आई है। पुलिस ने मीडिया को बताया कि 7 अप्रैल को कार्तिक को मारने वाले जोनाथन एडविन ने 9 अप्रैल को एक अन्य शख्स को भी मारा, जबकि दोनों ही आरोपी के लिए अजनबी थे।

टोरंटो पुलिस ने बताया कि वासुदेव को बेवजह गोली मारने वाले आरोपी एडविन को 10 अप्रैल की शाम को गिरफ्तार किया गया था और गिरफ्तारी के समय उसके पास भरी हुई बंदूकों का जखीरा मिला था। जांचकर्ताओं का कथित तौर पर मानना ​​है कि एडविन दोनों के लिए पूरी तरह अजनबी था। वासुदेव और अन्य मृतक भी एक दूसरे को नहीं जानते थे।

वासुदेव को टोरंटो मेट्रो स्टेशन के बाहर कई बार गोली मारी गई, जबकि दूसरे शख्स को दो रात बाद अन्य जगह पर गोली मारी। दूसरे शख्स का नाम एलिजा एलीआजर महेपथ था और उसकी उम्र 35 वर्ष थी। ग्लोब एंड मेल के अनुसार पुलिस को अभी तक संदिग्ध या उसकी मंशा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। दरअसल उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है।

मिली जानकारी के अनुसार टोरंटो पुलिस सेवा के डिटेक्टिव सार्जेंट टेरी ब्राउन ने कहा कि हत्याएं बिना सोचे समझे की गई लगती हैं। माना जा सकता है कि एक हत्या जबरन की गई हो और दूसरी किसी अनहोनी के चलते हुई हो। पुलिस का यह भी कहना है कि उन्हें यकीन नहीं है कि अपराधी और पीड़ितों ने एक-दूसरे को सीधे देखा भी था और यही वजह है कि टोरंटो पुलिस इस मामले को हेट क्राइम के रूप में वर्गीकृत करने के लिए तैयार नहीं है।

टेरी ब्राउन के हवाले से यह भी कहा गया कि मैं इस बारे में अटकलें नहीं लगाना चाहता कि क्या किसी को उनकी पृष्ठभूमि या जातीयता के आधार पर निशाना बनाया गया था। पुलिस इस तथ्य से भी हैरान है कि एडविन का कोई पूर्व रिकॉर्ड नहीं था और हत्या में इस्तेमाल की गई बंदूक अवैध नहीं थीं। फिर भी उसके घर पर मिले अन्य हथियारों के आधार पर पुलिस का मानना ​​है कि वह और हमलों की योजना बना रहा था।

जानकारी के लिए बता दें कि रविवार कार्तिक वासुदेव का शव भारत की राजधानी नई दिल्ली के नजदीक गाजियाबाद पहुंचा जहां परिवारजनों ने वासुदेव का अंतिम संस्कार किया। कार्तिक वासुदेव के पिता की मांग है कि पुलिस हत्याओं के पीछे के कारणों की जांच करे। वासुदेव के पिता जितेश वासुदेव ने फेसबुक पर शोकजनक पोस्ट डालते हुए लिखा है कि जब मुझे अपने जीवन की सबसे दुखद खबर मिली कि 'आपके बेटे को गोली मार दी गई' तो मैं टूट गया। यह कैसे हो सकता है? मेरा कार्तिक, मेरा 21 साल का लड़का? यह कौन करेगा? वे ऐसा क्यों करेंगे? मेरे पास कोई जवाब नहीं था। जब मैंने अपनी पत्नी को यह खबर दी, तो वह मानने को तैयार नहीं थी। वह बस यही कहती रही, 'आप झूठ बोल रहे हो। मेरे बेटे को कुछ नहीं हुआ है!' उसे सच्चाई स्वीकार करने में एक दिन लग गया, हम एक साथ रोए। लेकिन शुरुआती झटके के बाद मैं गुस्से से भर गया। मैं उस व्यक्ति की आंखों में देखना चाहता था और पूछना चाहता था कि क्यों?!

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