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भारत का केंद्रीय बैंक कैसे लेकर आया डिजिटल पेमेंट में क्रांति, जानिए पूरी कहानी

यूपीआई को साल 2016 में पेश किया गया था। यह भुगतान के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया। यूपीआई नेटवर्क की शुरुआत की बात करें तो इसके तार साल 2006 तक जाते हैं। उस साल आरबीआई और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की स्थापना की थी।

Photo by Firmbee.com / Unsplash

भारत के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुख्यालय की शुरुआत 1981 में हुई थी। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के फोर्ट जिले में स्थित यह इमारत सफेद रंग की है और बहुत ऊंची है। आरबीआई भारत के तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल पेमेंट नेटवर्क का एक अहम स्तंभ भी है। यह केंद्रीय बैंक और निजी फर्मों के बीच सहयोग की एक बेहतरीन मिसाल है।

भारत के अनोखे, रियल टाइम और मोबाइल इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की वार्षिक विकास दर लगभग 160 फीसदी हो गई है।

पिछले पांच वर्षों में भारत के डिजिटल पेमेंट वॉल्यूम की औसत वार्षिक दर बढ़कर लगभग 50 फीसदी हो गई है। यह अपने आप में दुनिया की सबसे तेज विकास दरों में से एक है। लेकिन एक मामले में इससे भी तेज रफ्तार से विकास हुआ है। भारत के अनोखे, रियल टाइम और मोबाइल इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की वार्षिक विकास दर लगभग 160 फीसदी हो गई है।

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