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'ग्रेट इमिग्रेंट्स' में पद्मा और पुनीत भी, 32 देशों के अप्रवासी लिस्ट में शामिल

पद्मा लक्ष्मी अप्रवासी और अश्वेत समुदाय द्वारा बनाए जाने वाले फूड पर आधारित हूलू सीरीज "Taste the Nation" की निर्माता, मेजबान और एग्जिक्यूटिव प्रोड्यूसर हैं। पुनीत रेनजेन की परवरिश भारत में हुई थी। वह रोटरी फाउंडेशन की स्कॉलरशिप पर विलमेट यूनिवर्सिटी में पढ़ने आए थे। यहां आकर उनकी जिंदगी बदल गई।

न्यूयॉर्क की परोपकारी संस्था कार्नेगी कॉरपोरेशन ने 'ग्रेट इमिग्रेंट्स' की नई लिस्ट निकाली है। 34 अप्रवासी शख्सियतों की इस लिस्ट में भारतवंशी पद्मा लक्ष्मी और पुनीत रेनजेन भी शामिल हैं। पद्मा लक्ष्मी नामी मॉडल, एक्ट्रेस व टीवी होस्ट हैं जबकि पुनीत डेलॉइट के ग्लोबल सीईओ हैं।

संस्था 2006 से हर साल 4 जुलाई को ऐसे नागरिकों की लिस्ट निकालती है, जिन्होंने अपने काम के जरिए समाज और लोकतंत्र को समृद्ध करने का काम किया। संस्था के मुताबिक इस साल की लिस्ट में 32 देशों के नागरिक और विभिन्न पृष्ठभूमि के अप्रवासी शामिल हैं। ये लोग शिक्षा, कला, कानून व्यवस्था, सार्वजनिक सेवा, स्वास्थ्य और कारोबार के क्षेत्रों में सक्रिय हैं और स्थानीय कम्युनिटी में लीडर हैं। इनके अलावा शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, फूड सिक्योरिटी की वकालत करने वाले और बेघरों की मदद करने वाले लोग भी इस लिस्ट में हैं।

पद्मा लक्ष्मी अप्रवासी और अश्वेत समुदाय द्वारा बनाए जाने वाले फूड पर आधारित हूलू सीरीज "Taste the Nation" की निर्माता, मेजबान और एग्जिक्यूटिव प्रोड्यूसर हैं। हाल ही में उन्हें जेम्स बियर्ड अवार्ड से सम्मानित किया गया था। वह "टॉप शेफ" की होस्ट और एग्जिक्यूटिव प्रोड्यूसर हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्ट सेलिंग लेखिका भी हैं। उन्होंने एक संस्मरण, कुकबुक और बच्चों की किताब लिखी है। भारत में पैदा हुईं और बाद में अमेरिका में बस गईं पद्मा यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम की गुडविल एंबैसडर भी हैं। मशहूर मॉडल रहीं पद्मा अप्रवासियों के अधिकारों को लेकर अक्सर सक्रिय रहती हैं।

पुनीत रेनजेन की परवरिश भारत में हुई थी। 18 साल की उम्र में वह रोटरी फाउंडेशन की स्कॉलरशिप पर विलमेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने आए थे। यहां आकर उनकी जिंदगी बदल गई। 2015 में वह डेलॉयट ग्लोबल के सीईओ बने, जो दुनिया की सबसे बड़ी प्रोफेशनल सर्विसेज कंपनियों में से एक है। इसका सीईओ बनने वाले वह पहले एशियाई थे। 2019 में उन्हें फिर से सीईओ चुना गया। 2022 में उन्हें इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा ग्लोबल इंडियन ऑफ द ईयर नॉमिनेट किया गया। बिजनेस लीडरशिप के चलते दो साल पहले उन्होंने ओरेगन हिस्ट्री मेकर्स मेडल भी जीता था। अक्सर उनका नाम शीर्ष सलाहकारों और व्यापारिक नेताओं की सूची में दिखाई देता है।

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