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मॉनसून की दस्तक, हिंदी गानों का संगम, मालदीव में 'दीवाना हुआ बादल'

राजधानी माले में उमड़ते-घुमड़ते बादलों के बीच हिंदी और धिवेही (मालदीव की भाषा) भाषा के गायक 19 मई की शाम सुरों की महफिल सजाएंगे। म्यूजिकल इवनिंग का थीम 'दीवाना हुआ बादल' रखा गया है। आईसीसीआर मालदीव ने स्थानीय लोगों से इस कार्यक्रम में शिरकत करने की अपील की है।

मालदीव में मॉनसून मई से नवंबर तक सक्रिय रहता है।

'दीवाना हुआ बादल, सावन की घटा छाई'  मोहम्मद रफी और आशा भोसले की आवाज में रिकॉर्ड किया गया 'कश्मीर की कली' का यह गाना मॉनसून की रिमझिम बारिश की याद दिलाता है। उमस भरी गर्मी के बाद जब सावन की झड़ी लगती है तो बारिश का इंतजार कर रहे लोगों का दिल फिल्म की एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर की तरह ही ऐसे ही गुनगुनाने लगता है। हिंदी गाने के जरिए लोगों को मॉनसून के इसी सुहावने अहसास से भरने जा रहा है मालदीव में मौजूद भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) जो कि वहां म्यूजिकल इवनिंग का आयोजन किया जा रहा है।

मालदीव में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मई में सक्रिय हो जाता है और नवंबर तक जारी रहता है। मौसम में हुए खूबसूरत बदलाव और मॉनसून के स्वागत के लिए म्यूजिकल इवनिंग का आयोजन किया जा रहा है। राजधानी माले में उमड़ते-घुमड़ते बादलों के बीच हिंदी और धिवेही (मालदीव की भाषा) भाषा के गायक 19 मई की शाम सुरों की महफिल सजाएंगे। म्यूजिकल इवनिंग का थीम 'दीवाना हुआ बादल' रखा गया है। अगर आप भी इस म्यूजिकल इवनिंग में शिरकत करना चाहते हैं तो निकागास हिंगुन इलाके में मौजूद आईसीसीआर का सेंटर इस गुरुवार को आपका स्वागत करने के लिए तैयार है।

आईसीसीआर मालदीव ने स्थानीय लोगों से इस कार्यक्रम में शिरकत करने की अपील की है। इसने एक बयान जारी कर कहा, '19 मई गुरुवार रात 8.30 बजे धिवेही और हिंदी के म्यूजिकल इवनिंग में हमारे साथ जुड़िए। आईसीसीआर और भारतीय उच्चायोग आपका 'दीवाना हुआ बादल' में स्वागत करता है।

आईसीसीआर 30 से अधिक देशों में मौजूद अपने सेंटर के जरिए अक्सर ही भारत की कला और संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन कराता है ताकि प्रवासी भारतीयों को उनकी जड़ों से जोड़ कर रखा जाए। बता दें कि एशियाई द्वीप देश मालदीव में फिलहाल 30 हजार प्रवासी भारतीय रहते हैं।

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