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अमेरिका नहीं गई, अब भारत में लड़ाकू विमान उड़ाएंगी कैप्टन अभिलाषा

हरियाणा की रहने वाली कैप्टन बराक को सितंबर 2018 में सेना की एयर डिफेंस कोर में कमीशन किया गया था। वह कर्नल (सेवा निवृत्त) एस ओम सिंह की बेटी हैं। कैप्टन अभिलाषा बराक सनावर के लॉरेंस स्कूल की छात्रा रही हैं।

भारत के राज्य हरियाणा की कैप्टन अभिलाषा बराक भारतीय सेना की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर (लड़ाकू विमान पायलट) बन गई हैं। 26 साल की अभिलाषा को बुधवार को नासिक में स्थित कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में आयोजित एक समारोह के दौरान सेना के 36 और पायलटों के साथ 'विंग' प्रदान किया गया। इस समारोह में आर्मी एविएशन के महानिदेशक एके सूरी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। अभिलाषा को अमेरिका में नौकरी का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने सेना में जाने का निर्णय लिया।

कैप्टन अभिलाषा सेना की एयर डिफेंस कोर में शामिल होने से पहले कई सैन्य पेशेवर कोर्स पूरे कर चुकी हैं। 

सेना के एक अधिकारी ने कहा कि कैप्टन बराक पहली सफल महिला अधिकारी बन गई हैं जिन्हें सेना की एविएशन कमान में शामिल किया गया है। उन्होंने यह उपलब्धि कॉम्बैट आर्मी एविएशन कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद हासिल की है। कैप्टन अभिलाषा सेना की एयर डिफेंस कोर में शामिल होने से पहले कई सैन्य पेशेवर कोर्स पूरे कर चुकी हैं। अधिकारी ने इसे गर्व का क्षण बताया।

हरियाणा की रहने वाली कैप्टन बराक को सितंबर 2018 में सेना की एयर डिफेंस कोर में कमीशन किया गया था। वह कर्नल (सेवा निवृत्त) एस ओम सिंह की बेटी हैं। सेना की ओर से साझा किए गए एक साक्षात्कार के अनुसार कैप्टन बराक ने कहा कि सैन्य छावनियों और यूनिफॉर्म पहने लोगों के बीच बड़े होते हुए सेना में करियर बनाने का सपना देखना मेरे लिए बहुत आश्चर्यजनक कदम नहीं था।

कैप्टन अभिलाषा बराक सनावर के लॉरेंस स्कूल की छात्रा रही हैं। 

कैप्टन अभिलाषा बराक सनावर के लॉरेंस स्कूल की छात्रा रही हैं। उन्होंने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से साल 2016 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक की डिग्री प्राप्त की थी। साल 2018 में उन्हें ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई की ओर से भारतीय सेना में कमीशन किया गया था। यहां प्रशिक्षण के दौरान आर्मी एयर डिफेंस यंग ऑफिसर्स के कोर्स में उन्होंने 'ए' ग्रेड हासिल किया था। गौरतलब है कि अभिलाषा ने जब वर्ष 2016 में दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक में स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी, उसके बाद उन्हें अमेरिका में नौकरी ऑफर हुई थी। लेकिन उन्होंने सेना में जाने का फैसला किया।

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