कनाडा सरकार ने पेरेंट्स एंड ग्रैंड पेरेंट्स प्रोग्राम (पीजीपीपी) के तहत सुपर वीजा नियमों में बदलाव किया है। इससे भारतीयों को सबसे अधिक फायदा होगा। कनाडा के आव्रजन मंत्री सीन फ्रेजर ने बताया कि कनाडा आने वाले माता-पिता और दादा-दादी अब हर एंट्री पर 5 साल तक यहां रह सकते हैं। यह बदलाव 4 जुलाई से लागू होंगे।
इसके साथ ही कनाडा, अंतरराष्ट्रीय मेडिकल बीमा कंपनियों को सुपर वीजा आवेदकों को कवरेज प्रदान करने की भी अनुमति देगा। वर्तमान में केवल कनाडा की बीमा कंपनी ही सुपर वीजा धारकों को चिकित्सा कवरेज प्रदान कर सकते हैं।
बता दें कि सुपर वीजा कार्यक्रम की शुरुआत साल 2011 में हुई थी। इसके तहत कनाडा के नागरिकों और स्थायी निवासियों को अपने माता-पिता और दादा-दादी कनाडा में उनके साथ रहने की अनुमति देता है। यह वीजा 10 साल तक वैध होता है। पहले माता-पिता और दादा-दादी को एक बार में केवल 2 साल के लिए कनाडा में रहने की अनुमति थी। 2011 में कनाडा की तत्कालीन सरकार ने माता-पिता, दादा-दादी व नाना-नानी को कनाडा बुलाने के लिए पेरेंट्स एंड ग्रैंड पेरेंट्स प्रोग्राम (पीजीपीपी) की शुरुआत की थी।
उस समय कनाडाई नागरिकों और पीआर हासिल कर चुके लोगों के लिए अभिभावकों को वहां ले जाना मुश्किल हो गया था। क्योंकि आवेदन ज्यादा होने की वजह से स्पॉन्सर्स का बैकलॉग बढ़ गया था। उसी बैकलॉग से राहत देने के लिए सुपर वीजा लांच किया गया था। यह वीजा 10 साल के लिए दिया जाता है। इसके लिए एक लाख कनाडाई डॉलर का इंश्योरेंस लेना अनिवार्य होता था। ये इंश्योरेंस भी कनाडाई कंपनी से ही लेना जरूरी था। साथ ही आवेदन करने वाले को तीन साल तक अपनी इनकम का लेवल बरकरार रखना होता है।