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नानकशाही कैलेंडर बनाने वाले पाल सिंह पुरेवाल ने कनाडा में ली अंतिम सांस

सिख और हिंदू समुदाय के लोग विक्रमी कैलेंडर या चंद्र कैलेंडर का अनुसरण कर रहे थे। शुरुआत से ही उनका मानना था कि सिखों का एक अलग कैलेंडर होना चाहिए क्योंकि उनकी पहचान अलग है। अलग कैलेंडर बनाने के लिए पुरेवाल ने प्रमुख विद्वानों से समन्वय स्थापित किया और इस दिशा में ठोस प्रयास भी किए।

नानकशाही कैलेंडर की रचना करने वाले पाल सिंह पुरेवाल का कनाडा में निधन हो गया है। वह बीमार चल रहे थे। इस बारे में उनके परिवार से संपर्क नहीं हो पाया है। एडमॉन्टन के टीवी होस्ट और पत्रकार जरनैल सिंह बसोता ने पुष्टि की है कि पुरेवाल (90) ने एडमॉन्टन, मिल्सवुड में अपने आवास पर अंतिम सांस ली।

कनाडा के समय के अनुसार पुरेवाल ने रात करीब 1 बजे नश्वर संसार को अलविदा कह दिया। पुरेवाल 1965 में ब्रिटेन आए थे और टैक्सास इन्सट्रूमेंट्स में बतौर सीनियर इंजीनियर काम किया करते थे। करीब 10 साल बाद 1974 में वह कनाडा में आ बसे। उन्होंने 1960 के दशक से सिख कैलेंडर की प्रामाणिकता स्थापित करने वाले कई शोध पत्र लिखे।

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