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कनाडा: संपत्ति जब्त करने के फैसले के बचाव में कानूनी सहारा लेगा AAI

यह मामला इसरो (ISRO) की एंट्रिक्स कॉर्प (Antrix Corp) और देवास के बीच हुए एक सैटेलाइट सौदे से जुड़ा है। यह सौदा साल 2011 में रद्द कर दिया गया था। इसके बाद इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) की अदालत ने मामले में देवास के पक्ष में फैसला दिया था और भारत सरकार को 1.3 अरब डॉलर का भुगतान करने के लिए कहा था।

Photo by Daniel Eledut / Unsplash

भारत सरकार द्वारा संचालित भारतीय एयरपोर्ट प्राधिकरण (AAI) ने मंगलवार को कहा कि वह कनाडा के एक अदालत के आदेश से खुद का बचाव करने के लिए कानूनी सहारा ले रहा है जिसने देवास मल्टीमीडिया के शेयरधारकों को इंटरनेशनल एयर द्वारा आयोजित AAI के 30 मिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग 225 करोड़) से अधिक की राशि को जब्त करने की अनुमति दी है।

AAI के एक प्रवक्ता ने कहा कि एएआई को इस मामले में कनाडा की क्यूबेक कोर्ट द्वारा कोई आदेश नहीं दिया गया है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संगठन (IATA) ने एएआई की ओर से एकत्र की गई राशि के हस्तांतरण को निलंबित करने के एएआई के अनुरोध पर कुछ दस्तावेजों को साझा किया है। एएआई आक्षेपित आदेश से अपना बचाव करने के लिए कानूनी सहारा ले रहा है।

दरअसल कनाडा की क्यूबेक कोर्ट ने एयर इंडिया और भारतीय एयरपोर्ट प्राधिकरण (AAI) की ओर से अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संगठन (IATA) द्वारा एकत्र की गई राशि को जब्त करने का आदेश दिया है। यह मामला देवास मल्टीमीडिया के साथ चल रहे कई साल पुराने एक मुकदमे से संबंधित है।

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