कैलिफोर्निया में जातिगत भेदभाव खत्म कराएं, विधायकों को क्षमा सावंत का पत्र

सेंट्रल सिएटल के  डिस्ट्रिक्ट 3 से काउंसिल मेंबर क्षमा सावंत ने कैलिफोर्निया के विधायकों से जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाले बिल (एसबी 403) का समर्थन करने की अपील की है। उन्होंने जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ रहे अन्य कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर विधायकों को इस बारे में एक पत्र लिखा है।

क्षमा सावंत की पहल पर 21 फरवरी को मतदान के जरिए सिएटल में कानून बना था। (फोटो twitter @cmkshama)

सिएटल सिटी काउंसिल द्वारा शहर में जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध के ऐतिहासिक कदम के बाद कैलिफोर्निया में यह विधेयक पेश किया गया है। सिएटल दक्षिण एशिया के बाहर ऐसी पहली जगह है, जहां पर इस तरह का प्रतिबंध लगाया गया है। क्षमा सावंत की पहल पर 21 फरवरी को मतदान के जरिए सिएटल में कानून बना था।

पत्र में दावा किया गया है कि सिएटल में जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध के समर्थन में लगभग 1,500 कामकाजी लोगों ने हमारी याचिका पर हस्ताक्षर किए थे। 4,000 से अधिक लोगों ने समर्थन में सिएटल सिटी काउंसिल को ईमेल भेजे थे। 150 से अधिक संगठनों ने समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अलावा कई शिक्षाविदों और विशेषज्ञों ने भी विधेयक का समर्थन किया था।

पत्र में उन्होंने आगे लिखा है कि यदि कैलिफोर्निया में जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगा तो यह उत्पीड़न के खिलाफ एक ऐतिहासिक कदम होगा। डेमोक्रेटिक पार्टी सीनेट की 80 प्रतिशत सीटों पर काबिज है। विधानसभा में भी लगभग यही संख्या है। ऐसे में हमें उम्मीद है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के निर्वाचित अधिकारी जातिगत भेदभाव के खिलाफ प्रतिबंध को पारित कराने में अपने इस भारी बहुमत के जरिए सहयोग करेंगे।

क्षमा की अगुआई में पत्र में कहा गया है कि हजारों लोगों को खासकर दक्षिण एशियाई मूल के लोगों को कार्यस्थल, आवास और अन्य जगहों पर जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उनके पास कोई कानूनी सुरक्षा भी नहीं है। इसलिए उनके हितों का सुरक्षित करने के लिए यह विधेयक पास होना आवश्यक है।

पत्र में आरोप लगाया गया है कि भारत में नरेंद्र मोदी सरकार से जुड़े कुछ दक्षिणपंथी हिंदू कट्टरपंथी समूहों ने सिएटल में जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध के आंदोलन का कड़ा विरोध किया था। कैलीफोर्निया में भी वे विरोध कर रहे हैं। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि एसबी 403 का अभियान जारी रहेगा।