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अवॉर्ड की रकम से बेघरों के लिए रसोई बनाएंगे शेफ दीपांकर

शेफ दीपांकर खोसला का नो वन हंगरी अभियान भारतीय मंदिरों और गुरुद्वारे में भोजन बांटे जाने से प्रेरित है।

'चैपियंस ऑफ चेंज अवॉर्ड' जीतने वाले भारतीय शेफ दीपांकर खोसला

थाईलैंड के रहने वाले भारतीय शेफ दीपांकर खोसला 'चैंपियंस ऑफ चेंज अवॉर्ड' जीतने वाले तीन विजेताओं में से एक हैं। यह अवॉर्ड 'वर्ल्ड्स 50 बेस्ट रेस्तरां एकेडमी' द्वारा प्रस्तुत किया गया। यह पुरस्कार हॉस्पिटेलिटी सेक्टर के उन लोगों को दिया गया है, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान मानवीय प्रयासों में काफी योगदान दिया। उनका कहना है कि वे पुरस्कार में जीती गई राशि से टेंपल रसोई बनाएंगे। इस रसोई के जरिए वे हर दिन 1000 लोगों को मुफ्त खाना खिलाएंगे।

प्रवासियों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं यह भारतीय सेफ। 

शेफ खोसला को उनके #NoOneHungry अभियान के जरिए पैसे जुटाने के लिए और बैंकॉक में अपने रेस्तरां को सूप किचन (बेघर लोगों के लिए खाना बनाना) में बदलने के लिए पहचाना गया। उन्होंने मुश्किल समय में जरूरतमंदों को खाना खिलाने के लिए ऐसा किया। इसके अलावा उन्होंने कोरोना महामारी के कठिन समय में प्रवासियों को अपनी किचन में नौकरी दी, ताकि वे अपने परिवारों का भरण-पोषण कर सकें।

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