भारत और इटली के बीच समझौते को मंजूरी, पेशेवरों-छात्रों को होगा फायदा

पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत और इटली की सरकारों के बीच माइग्रेशन और मोबिलिटी समझौते पर हस्ताक्षर करने के विदेश मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है। इसका मकसद लोगों के बीच संपर्क बढ़ाना। छात्रों, कुशल श्रमिकों और व्यावसायिक पेशेवरों के आने-जाने को सुविधाजनक बनाना है। यह अनियमित प्रवास से संबंधित मुद्दों पर सहयोग को भी बढ़ावा देगा।

यह समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है।Photo by Priscilla Du Preez 🇨🇦 / Unsplash

आधिकारिक बयान के मुताबिक यह समझौता इटली की मौजूदा वीजा व्यवस्था को लॉक करता है, जिसमें अध्ययन के बाद के अवसरों, इंटर्नशिप और पेशेवर प्रशिक्षण के लिए तंत्र शामिल है, जो मौजूदा श्रम गतिशीलता मार्गों के तहत भारत के लिए एक लाभ का आश्वासन देता है। अनियमित प्रवास के खिलाफ लड़ाई में भारत और इटली के बीच सहयोग को भी समझौते के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया है।

समझौते के कुछ प्रमुख प्रावधानों में इटली में अकादमिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद वर्क एक्सपीरिएंस के इच्छुक भारतीय छात्रों को एक वर्ष तक के अस्थायी निवास की अनुमति देना शामिल है। इतालवी पक्ष के पास पेशेवर प्रशिक्षण, इंटर्नशिप से संबंधित विस्तृत प्रावधान हैं, जो भारतीय छात्रों को कौशल और प्रशिक्षण मानकों में अनुभव प्राप्त करने की अनुमति देते हैं।

फ्लो डिक्री के तहत, इटली ने 2023-25 से मौसमी और गैर-मौसमी श्रमिकों दोनों के लिए आरक्षित कोटा की बढ़ोतरी की है। इटली ने श्रमिकों के लिए वर्तमान फ्लो डिक्री (गैर-मौसमी श्रमिकों के लिए कुल आरक्षित कोटा 12,000 है) के तहत 2023, 2024 और 2025 के लिए 5,000, 6,000 और 7,000 श्रमिकों का कोटा तय किया है। इसके अलावा 2023, 2024 और 2025 के लिए 3,000, 4,000 और 5,000 मौसमी भारतीय श्रमिकों का कोटा आरक्षित किया है (मौसमी श्रमिकों के लिए कुल आरक्षित कोटा 8,000 है)।

यह समझौता स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा सेवा क्षेत्रों में भारतीय योग्य पेशेवरों की भर्ती की सुविधा पर समझौतों के माध्यम से भारत और इटली के बीच गतिशीलता मार्गों को आगे बढ़ाने को औपचारिक रूप देता है, जिस पर संयुक्त कार्य समूह के तहत चर्चा की जाएगी।