Skip to content

ब्रिटेन ने भारतीय वैक्सीन को मंजूरी पर देरी का ठीकरा नौकरशाही पर फोड़ा

भारत के वैक्सीन प्रमाणपत्र का मुद्दा भारत और युके में उस वक्त एक गंभीर मुद्दा बन गया था जब भारत ने ब्रिटेन के फैसले के बाद प्रतिक्रिया देते हुए ब्रिटेन के नागरिकों पर भी कोरोना से जुड़े कड़े नियम कानून लागू कर दिए थे।

भारत की वैक्सीन और भारत द्वारा जारी किए जाने वाले वैक्सीन प्रमाणपत्र को मंजूरी देने में देरी के पीछे ब्रिटेन प्रशासन ने नौकरशाही को जिम्मेदार ठहराया है। ब्रिटेन के विदेश मामलों की राज्य सचिव एलिजाबेथ ट्रस के अनुसार ब्रिटेन की नौकरशाही प्रक्रियाओं ने भारतीय वैक्सीन को मंजूरी देने का काम धीमा कर दिया था।

ब्रिटेन द्वारा भारतीयों पर 10 दिन का क्वारंटाइन लागू करने और भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड को मंजूरी न देने पर भारत ने ब्रिटेन के फैसले को भेदभावपूर्ण करार दिया था।

मुंबई के तट पर यूके के विमानवाहक पोत एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ पर चढ़ते वक्त भारतीय मीडिया एनडीटीवी से बात करते हुए ट्रस ने कहा कि भारत को कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ डोज सफलतापूर्वक लगाने पर बधाई। मुझे लगता है कि यह भारत सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है कि भारत में 1 अरब लोगों को टीका लगाया है। भारत के संस्थान सीरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को तैयार किया, जिसको भारत और यूके ने मिलकर विकसित किया है। इसी वजह से यह शानदार सफलता भारत को हासिल हुई है। ट्रस ने कहा कि वह खुश हैं कि भारतीय टीकाकरण प्रमाणपत्रों को अब यूके में मान्यता दी जा रही है।

This post is for paying subscribers only

Subscribe

Already have an account? Log in

Latest