नए आव्रजन कानून पर ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक को मिली कामयाबी

ब्रिटेन के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को अवैध प्रवासियों को देश से निष्कासित करने के मामले में एक बड़ी कामयाबी मिली है। हाउस ऑफ कॉमंस ने रवांडा सुरक्षा विधेयक की दूसरी रीडिंग को अपनी मंजूरी दे दी है। इस विधेयक में रवांडा से आकर शरण मांगने वाले कथित अयोग्य लोगों को निर्वासित करने का प्रावधान है।

यह इस मायने में अहम है क्योंकि सुनक की अपनी पार्टी के नेताओं ने इसका विरोध करने का ऐलान किया था। हालांकि मतदान के दौरान इस विधेयक के पक्ष में 313 वोट पड़े जबकि विरोध में आए मतों की संख्या 269 रही।

पीएम सुनक ने इस दौरान कहा कि ब्रिटेन के लोगों को यह तय करने का अधिकार है कि इस देश में कौन आएगा और कौन नहीं। इसका फैसला कोई आपराधिक गिरोह या विदेशी अदालतें नहीं कर सकतीं। यही इस विधेयक की मूल भावना है।

बड़ी संख्या में दक्षिणपंथी कंजर्वेटिव सांसदों का प्रतिनिधित्व करने वाले मार्क फ्रेंकोइस ने कहा कि इस विधेयक को नए साल में पेश किए जाने की उम्मीद है। हालांकि तीसरी रीडिंग में समूह इसका समर्थन नहीं कर सका है।

यह मामला उस समय गरमा गया था, जब इंग्लिश चैनल से आए कई लोगों ने ब्रिटेन शरण की उम्मीद में दक्षिणी तट पर एक नौका में ही जान गंवा दी थी। ये लोग शरण लेना चाहते थे और उनके आवेदनों पर कार्रवाई चल रही थी। इसे लेकर सदन में सात घंटे तक डिबेट भी हुई थी।

आव्रजन मामले को लेकर धुर दक्षिणपंथी टोरी सबसे सख्त आव्रजन विरोधी कानून को और कड़ा बनाने के खिलाफ हैं। वे इसे ब्रिटेन के मानवाधिकार दायित्वों के लिए खतरे की तरह देख रहे हैं। हालांकि सुनक ने अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों को मनाने के लिए आक्रामक अभियान चलाया है।