ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का मानना है कि ब्रिटेन के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और प्रोग्रामिंग क्षेत्र में विषेशज्ञों की भारी कमी है। ब्रिटेन को इन दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की जरूरत है। ऐसे में उन्होंने भारतीयों के लिए अधिक संख्या में ‘कौशल वीजा’का समर्थन किया है। उन्होंने भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत में तेजी लाने के प्रयासों के तहत यह समर्थन जताया है। ब्रिटेन के साथ समझौता करने के लिए भारत ने वीजा और लोगों की बिना रुकावट आवाजाही की मांग को प्रमुख तौर पर रखा है।
ब्रिटिश पीएम ने कहा कि मैं हमेशा इस देश में लोगों के आने के पक्ष में रहा हूं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में हमारे पास आईटी और प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञों की भारी कमी है। हमें एक पेशेवर दृष्टिकोण की आवश्यकता है, लेकिन इसे नियंत्रित करना होगा। ब्रिटेन के गृह कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन ने भारतीय पेशेवरों के लिए बड़ी संख्या में कौशल कार्य वीजा जारी किया है। पिछले साल 67,839 कौशल वीजा जारी किया गया था, जो 2019 की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है। यहां पढ़ाई के बाद काम की शुरुआत करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भी लगातार वृद्धि दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली में एफटीए वार्ता का तीसरा दौर अगले हफ्ते प्रस्तावित है।

पीएम जॉनसन ने इस साल के अंत तक समझौतों पर मुहर लगने उम्मीद जताई है। जॉनसन के भारत पहुंचने से पहले ब्रिटिश उच्चायोग का कहना है कि दोनों देशों ने इस साल के अंत तक एक समझौते पर पहुंचने का इरादा रखा है। ब्रिटिश सरकार ने प्रधानमंत्री जॉनसन की दो दिवसीय भारत यात्रा को ऐतिहासिक करार दिया है। इससे सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से लेकर स्वास्थ्य तक के क्षेत्रों में 9927.47 करोड़ रुपये के नए निवेश और निर्यात सौदों में करार हो सकता है । इससे पूरे ब्रिटेन में लगभग 11,000 नौकरियां पैदा होंगी। दोनों देशों के बीच कारोबारी सहयोग बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल स्टार्टअप, डिजिटल हेल्थ समेत कई क्षेत्रों में सहयोग के लिए संयुक्त फंड बनाने पर भी सहमति बन सकती है।
उच्चायोग ने कहा कि वह विस्तृत संभावनाओं को देख रहे हैं जिन्हें दोनों देश मिलकर हासिल कर सकते हैं। अगली पीढ़ी के 5जी टेलीकॉम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर स्वास्थ्य शोध और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्र हैं, जिनमें ब्रिटेन और भारत दुनिया में अग्रणी देश हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मजबूत साझेदारी दोनों देशों के लोगों के लिए नौकरी, विकास और अवसर प्रदान कर रही है। यह आगामी सालों में और मजबूत होती जाएगी।