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किसान संगठन कर रहे स्वागत, बीजेपी ने ब्रिटिश सांसद को देशद्रोही बताया

किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा कि तनमनजीत सिंह ढेसी ने यूके में किसानों के पक्ष में आवाज उठाई। उन्होंने विदेश मंत्री को 36 सांसदों से हस्ताक्षर करवाकर पत्र दिया था। वहीं, बीजेपी का कहना है कि एक भारतीय होते हुए भी ब्रिटिश सांसद तनमनजीत सिंह ने विदेश में भारत की छवि खराब करने की कोशिश की।

किसान आंदोलन के दौरान भारतीय मूल के ब्रिटिश लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने भारत की जमकर मुखालफत की थी। ब्रिटिश संसद में भारत के आंतरिक मसले को उन्होंने उठाया था। ब्रिटिश पीएम को पत्र लिखने के साथ राष्ट्रमंडल से भी भारत पर दबाव बनाने की मांग उठाई थी। यही कारण रहा है कि तनमनजीत सिंह पंजाब में किसान नेताओं के चेहते बन गए। वर्तमान में वह भारत के पंजाब के दौरे पर आए हैं तो किसान संगठन तनमनजीत का स्वागत कर रहे हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उन्हें खालिस्तानी समर्थक और देशद्रोही बता रही है।

बीजेपी का कहना है कि एक भारतीय होते हुए भी ब्रिटिश सांसद तनमनजीत सिंह ने विदेश में भारत की छवि खराब करने की कोशिश की।

किसान संगठनों ने ढेसी को सम्मानित करने के लिए पिछले शुक्रवार को पंजाब में फगवाड़ा के गांव मौली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा कि तनमनजीत सिंह ढेसी ने यूके में किसानों के पक्ष में आवाज उठाई। उन्होंने विदेश मंत्री को 36 सांसदों से हस्ताक्षर करवाकर पत्र दिया था। इसके अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भी इस मामले को लेकर 100 से अधिक ब्रिटिश सांसदों द्वारा हस्ताक्षर किया गया पत्र सौंपा था। वहीं, बीजेपी का कहना है कि एक भारतीय होते हुए भी ब्रिटिश सांसद तनमनजीत सिंह ने विदेश में भारत की छवि खराब करने की कोशिश की।

बीजेपी के पंजाब प्रदेश के महासचिव सुभाष शर्मा ने कहा कि ढेसी हमेशा कश्मीर, पाकिस्तान या खालिस्तान से जुड़े उन मुद्दों को उठाते हैं, ताकि भारत की बदनामी हो। हम सभी जानते हैं कि वह भारत के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी करते रहे हैं। उनके खालिस्तानी समूहों से भी घनिष्ठ संबंध रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस द्वारा लंदन में आयोजित रेफरेंडम 2020 रैली में ढेसी ने भारत के खिलाफ बयानबाजी की थी। वहीं, ढेसी ने बीजेपी के आरोपों को सिख समुदाय को बदनाम करने वाला बताया।

मालूम हो कि ब्रिटेन की संसद में भारत में चले किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हुई थी। लेबर पार्टी के नेता तनमनजीत सिंह ने 36 सांसदों का नेतृत्व करते हुए किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए भारत सरकार को पत्र लिखकर दबाव बनाने की बात कही थी। हालांकि, कंजर्वेटिव पार्टी की नेता थेरेसा विलियर्स ने किसानों के प्रदर्शन को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए कहा था कि विदेश संसद में चर्चा नहीं की जा सकती है। वहीं, भारत ने भी इसकी आलोचना की थी। जालंधर के रायपुर गांव के रहने वाले तनमनजीत सिंह ढेसी ब्रिटेन की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स के पहले सिख सांसद हैं। ढेसी ने अपनी पढ़ाई जालंधर से पूरी की और फिर वे UK चले गए और वहां ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।

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