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‘यह आतंकवादी मेरे दो चाचाओं की हत्या का कसूरवार था, उसकी होर्डिंग देख मैं दंग रह गया’

पाल का कहना है कि जब मैंने हाईवे से भिंडरावाले की तस्वीर देखी तो मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने बताया खालिस्तान अलगाववादी आंदोलन के नाम पर भारतीय राज्य पंजाब में मेरे दो चाचाओं की हत्या कर दी गई थी। इसके लिए यही आतंकवादी जिम्मेदार था।

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में बुधवार सुबह काम पर जाने के दौरान भारतीय ऑस्ट्रेलियाई समुदाय उस वक्त हैरान हो गए जब उन्होंने भारत स्थित राज्य पंजाब के दुर्दांत आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर और होर्डिंग देखे। आतंकवाद और आतंकवादी का महिमामंडन करने वाले इन होर्डिंग के बारे में सूचित करने के लिए समुदाय के बहुत से सदस्यों ने विक्टोरिया पुलिस और स्थानीय परिषद के अधिकारियों को फोन किया है।

भारतीय मूल के आनंद पाल ने बताया कि वह मेलबर्न हवाई अड्डे के पास एक कार्यालय के महत्वपूर्ण कार्यक्रम में जाने के लिए गाड़ी चला रहे थे। तभी उन्होंने सनशाइन अस्पताल के पास यह होर्डिंग देखी। पाल का कहना है कि जब मैंने हाईवे से भिंडरावाले की तस्वीर देखी तो मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने बताया खालिस्तान अलगाववादी आंदोलन के नाम पर भारतीय राज्य पंजाब में मेरे दो चाचाओं की हत्या कर दी गई थी। इसके लिए यही आतंकवादी जिम्मेदार था।

पाल ने बताया कि आतंकवादी भिंडरावाले के उस बैनर को देखकर मैं इतना दुखी हो गया कि मैं कार्यालय के कार्यक्रम में नहीं जा पाया और मुझे घर वापस लौटना पड़ा। मेलबर्न के भारतीय ऑस्ट्रेलियाई समुदाय के एक अन्य सदस्य ने बताया कि इस तरह के होर्डिंग प्रदर्शित करना अशोभनीय है और यह चरमपंथी विचारों को एक मंच भी देता है।

उन्होंने मेलबर्न में खालिस्तान समर्थकों के स्वामित्व वाले स्टोर और रेस्तरां के आसपास खड़ी कई कारों पर ‘आई लव भिंडरावाले’ और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ प्रदर्शित करते हुए ढेरों स्टिकर देखे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के स्टिकर और पोस्टर भारतीय राज्य पंजाब में आतंकवाद के अंत के बावजूद दुनिया भर में एक छद्म लड़ाई के संकेत हैं।

ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ अधिकारी चिंतित हैं कि मुश्किलें और बढ़ेंगी। कैनबरा में एक राजनयिक ने कहा, पंजाब में चरमपंथियों के लिए जैसे-जैसे चीजें कठिन होती जाती हैं, हमारी समस्याएं बढ़ती जाती हैं। अधिकारियों का मानना है कि कनाडा, यूके और यूएसए में कट्टरपंथियों का ऑस्ट्रेलिया में कई युवा सिखों पर विशेष रूप से मजबूत प्रभाव है। लगभग रातों-रात उन्होंने पारंपरिक दाढ़ी, पगड़ी, कृपाण और कड़ा के लिए अपनी पश्चिमी पोशाक और जीवन शैली को त्याग दिया और उग्रवादी राजनीतिक आंदोलनों में शामिल हो गए।

मेलबर्न के एक उदारवादी सिख नेता ने इन कट्टरपंथियों के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि यह दुर्भाग्य है कि सिख समुदाय के पुराने नेतृत्व को चरमपंथियों ने बेदखल कर दिया है। इन्होंने हिंसा, डराने-धमकाने के साथ अधिकांश धर्मस्थलों और उनके विशाल खजाने पर कब्जा कर लिया है।

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