क्वीन से पुरस्कृत 'भारतीय' के साथ आए UK वासी, बोले- न दें देश-निकाला

कोरोना महामारी के दौर में जिस ब्रिटिश भारतीय को महारानी ने सम्मानित किया था, अब उनके ऊपर 'देश-निकाला' की तलवार लटक रही है। ब्रिटेन निवासी भारतीय मूल के 42 वर्षीय विमल पंड्या की आप्रवासन वीजा की अपील खारिज हो गई है। यह वही विमल पंड्या हैं, जिन्हें ब्रिटेन में कोविड-19 महामारी के दौरान 50 जरूरतमंद परिवारों को मदद करने के लिए क्वीन विक्टोरिया-2 ने ‘कोविड हीरो’ के तौर पर सम्मानित किया था।

रिपोर्ट के अनुसार पंड्या ने इस वर्ष जनवरी में दक्षिण-पश्चिम लंदन के हैटन क्रॉस स्थित ट्रिब्यूनल में आप्रवासन अर्जी पर सुनवाई की अपील की थी लेकिन जज एड्रियन सीलहॉफ की अदालत ने 24 जनवरी को वह खारिज कर दी। उसके बाद उन्हें ब्रिटेन में रहने के लिए 28 दिनों का समय दिया गया था। इस तरह उनके पास अब ब्रिटेन में रहने के लिए हफ्ते भर का समय ही बचा है।

मूल रूप से स्टॉक ब्रोकर पंड्या ने वर्ष 2011 में ब्रिटेन के एक कॉलेज में प्रबंधन की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया था। ब्रिटेन के गृह कार्यालय ने तब पंड्या को 60 दिनों के भीतर अपने छात्र वीजा को प्रायोजित करने के लिए कोई दूसरा उच्च शिक्षा संस्थान खोजने या भारत लौट जाने की सलाह दी थी।
पंड्या ने एक अन्य कॉलेज को तलाश लिया लेकिन 2014 में भारत आने के बाद यूके बॉर्डर फोर्स के एजेंटों ने उन्हें सूचित किया कि इस कॉलेज ने भी विदेशी छात्रों के आप्रवासन के लिए प्रायोजन का अधिकार खो दिया है। विमल का दावा है कि इस बारे में न तो कॉलेज और न ही गृह कार्यालय की ओर से उन्हें कोई सूचना मिली थी।

क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा सम्मानित कोविड नायक विमल पंड्या (चित्र साभार : सोशल मीडिया)

पंड्या इस समय रोदरहिथ में एक दुकान चला रहे हैं। उन्होंने एक स्थानीय मीडिया को बताया कि वह ब्रिटेन में अब और न रह पाने की चिंता से परेशान हैं। यहां तक कि वह रात को ठीक से नींद भी नहीं ले पाते हैं। वह अपने निर्वासन को लेकर घबराए और सहमे हुए हैं।

हालांकि स्थानीय समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ ब्रिटेन के लोग पंड्या के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं। वे उनके सपोर्ट में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके वीजा को बहाल करने के लिए एक ऑनलाइन याचिका पर 1,75,000 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर भी किए हैं। Change.org ने पंड्या का समर्थन किया।

पंड्या ने स्थानीय मीडिया से कहा कि मैंने ब्रिटेन में रहने के लिए बहुत मेहनत की है। मैंने कानूनी फीस पर 42,000 पाउंड खर्च भी किए। यहां तक कि अपराधियों को भी इतना खर्च नहीं करना पड़ता है।