भारतीय प्रवासी अब ग्रीन कार्ड हासिल कर सकते हैं और अपना वीजा स्थायी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कुछ अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा जिसके बाद उन्हें ग्रीन कार्ड मिल जाएगा। जो अतिरिक्त राशि भारतीय प्रवासियों को देनी होगी उसे आमतौर पर सुपर फीस कहा जाता है। इसी तरह एच-1बी धारकों के बच्चे जिनकी उम्र अधिक हो गई है और जो 21 वर्ष के हो गए हैं उन्हें भी स्थायी निवास यानी परमानेंट रेजीडेंसी और नागरिकता प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
दरअसल हाल ही में अमेरिका की हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी ने रेकन्सीलिएशन बिल जारी किया है जिसमें आव्रजन पर अधिकार क्षेत्र की बात कही गई है। हालांकि इस विधेयक में ग्रीन कार्ड के लिए देश की तय की गई सीमा को खत्म करने या एच-1बी वीजा के वार्षिक कोटा को बढ़ाने की बात नहीं कही गई है।