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सहोता का नया उपन्यास फिर से 'बुकर लिस्ट' में, क्या इस बार 'सरस्वती' की कृपा बरसेगी?

संजीव को दूसरी बार इस पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। पिछली बार वर्ष 2015 में उन्हें अपने उपन्यास के लिए इस पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।

संजीव सहोता (फोटो क्रेडिट- बुकर प्राइज ट्विटर अकाउंट)

भारतीय मूल के ब्रिटिश उपन्यासकार संजीव सहोता (Sunjeev Sahota) को दूसरी बार 'बुकर पुरस्कार' के दावेदारों में शुमार किया गया है। इस बार उन्हें अपने उपन्यास 'चाइना रूम' लिखने और उसकी प्रसिद्धि के चलते इस रेस में शामिल किया है। इससे पहले साल 2015 में भी उन्हें उपन्यास 'द ईयर ऑफ द रनवेज़' के लिए बुकर पुरस्कार के लिए नामांकित किया था। इस बार इस लिस्ट में नोबेल पुरस्कार विजेता काज़ुओ इशिगुरो और पुलित्जर पुरस्कार विजेता रिचर्ड पॉवर्स को भी शामिल किया गया है।

आगामी 14 सितंबर को कुल 13 में से छह लेखकों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। उसके बाद 3 नवंबर को लंदन में आयोजित पुरस्कार समारोह में पुरस्कार के विजेता के नाम की घोषणा होगी। इस पुरस्कार में विजेता को करीब 52 लाख रुपये (50,000 पाउंड) की राशि प्रदान की जाती है।

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