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भारतीय-अमेरिकियों का भविष्य उज्ज्वल है : मयंक छाया

इंडियन स्टार से खास बातचीत में भारतीय अमेरिकी लेखक-पत्रकार मयंक छाया ने कहा कि भारत को वैज्ञानिक आर एंड डी को उन्नत करने की आवश्यकता है जिससे ब्रेन ड्रेन को रोका जा सके।

साभार: Mayank Chhaya/Facebook

शिकागो के लेखक, कमेंटेटर और पत्रकार मयंक छाया का कहना है कि जब भारतीय-अमेरिकी यहां पेशेवर रूप से सफल होते हैं, तो ऐसा लगता है कि वे दुनियाभर में सफल हो रहे हैं।

मयंक ने एक ईमेल इंटरव्यू में इंडियन स्टार को बताया, "अमेरिका दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए अवसरों की भूमि के रूप में एक प्रमुख आकर्षण बना हुआ है। इसका ग्लैमर, हॉलीवुड से प्रेरित है, इसकी चमक की अन्य कोई देश बराबरी नहीं कर सकता है। इसकी चमक किसी भी सफलता को रोशन करती है, जिसमें भारतीय अमेरिकी भी शामिल हैं।”

दक्षिण एशिया और चीन-तिब्बत मामलों पर व्यापक रूप से प्रकाशित कमेंटेटर मयंक कहते हैं, "जीवन के कई क्षेत्रों, विशेषकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अग्रणी होने के नाते जब भारतीय अमेरिकी पेशेवर यहां सफल होते हैं तो ऐसा लगता है कि वे दुनिया भर में सफल हो रहे हैं।"

अहमदाबाद में जन्मे मयंक छाया हाल ही में रिलीज हुई किताब "कमला हैरिस एंड राइज ऑफ इंडियन अमेरिकन" के कन्ट्रीब्यूटर्स में से एक हैं। यह सभी डोमेन में अमेरिका में भारतीयों के उदय का वर्णन करती है।

पुस्तक में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के पूर्व लोक सेवक से भारतीय राजनेता बने शशि थरूर और टीपी श्रीनिवासन और अरुण के सिंह जैसे शीर्ष राजनयिकों के योगदान का जिक्र किया है। इसमें उन्होंने भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिकों ने विभिन्न प्रकार के विज्ञानों (प्योर और अप्लाइड) में कैसे उत्कृष्टता हासिल की है, इसका एक सिंहावलोकन पेश किया है।

विजडम ट्री से प्रकाशित किताब। 

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