अमेरिकी ईसाई संगठन का आरोप, ये हिंदू संस्था दे रही भारत में 'अत्याचार' को बढ़ावा

अमेरिका के कुछ संगठनों ने भारत में ईसाइयों पर अत्याचार और चर्चों पर हमले का गंभीर आरोप लगाया है। न्यू फेडरेशन ऑफ एशियन अमेरिकन युनाइडेट मैथोडिस्ट (NFAAUM) और इंडियन कॉकस ऑफ द युनाइडेट मैथोडिस्ट चर्च ने एक बयान में इसके लिए भारत के धार्मिक राष्ट्रवादियों और टेक्सास की एक हिंदूवादी संस्था पर आरोप लगाते हुए अमेरिकी कांग्रेस और विदेश मंत्रालय से जांच की मांग की है।

बयान में कहा गया है कि युनाइडेट मैथोडिस्ट चर्च का इंडियन नेशनल कॉकस भारत में रहने वाले उन 3.2 करोड़ ईसाइयों के साथ है जो अनिश्चय और बैचेनी में जिंदगी बिता रहे हैं। ईश्वर के इन बच्चों को लगातार प्रताड़ना और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। भारत में ईसाइयों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ घटनाएं बढ़ने से हम बहुत चिंतित हैं।

बयान में दावा किया गया है कि फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन इन नॉर्थ अमेरिका (FIACONA) ने भारत में साल 2022 के दौरान चर्चों में तोड़फोड़ की 400 और ईसाइयों पर हमलों की 700 घटनाओं को दर्ज किया है। बताया गया कि FIACONA अमेरिका में 10 लाख से ज्यादा ईसाइयों का प्रतिनिधित्व करती है।

बयान में टेक्सास के फ्रिस्को शहर की ग्लोबल हिंदू हेरिटेज फाउंडेशन (GHHF) का नाम लेकर आरोप लगाया गया है कि यह संस्था खुलेआम चर्च पर हमले और ईसाइयों को हिंदू बनाने का दावा करते हुए अमेरिका में धनसंचय करती है। दावा किया गया है कि इस तरह की कट्टरवादी संस्थाएं अमेरिका में सक्रियता से कार्यक्रम आयोजित करती हैं और उनमें भारत से हिंदू राष्ट्रवादी नेताओं को बुलाती हैं।

बयान में बताया गया कि 6 दिसंबर को फ्रिस्को में सभी धार्मिक पृष्ठभूमि के लोगों की एक विशेष बैठक में इस तरह की कट्टर राष्ट्रवादी संस्थाओं का विरोध किया गया और अमेरिका में उन्हें अभियान चलाने की इजाजत देने की आलोचना की गई। युनाइटेड मैथोडिस्ट चर्च के इंडियन नेशनल कॉकस ने समस्त ईसाइयों से इस तरह की संस्थाओं का विरोध करने का आह्वान किया।