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एएसए में बदलाव से भारत व विदेशी एयरलाइंस दोनों को फायदे की उम्मीद

एएसए एक ऐसा समझौता होता है जिसमें हर सप्ताह सीटों की संख्या या उड़ानों की संख्या को लेकर सहमति बनाई जाती है। समझौता इस बात के लिए भी किया जाता है कि किस शहर के लिए कौन सी एयरलाइंस उड़ान भर सकती है

Photo by Daniel Eledut / Unsplash

भारतीय एयरलाइंस को उभारने और बढ़ावा देने के लिए भारत की सरकार कुछ ​द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौते यानी एयर ​सर्विस एग्रीमेंट (एएसए) की समीक्षा करने पर विचार कर रही है। एएसए एक ऐसा समझौता होता है जिसके जरिए विश्व स्तर पर एक देश दूसरे देश की एयरलाइंस को तय उड़ान भरने की अनुमति देता है।

Arrivals and departures
Photo by JESHOOTS.COM / Unsplash

भारत की न्यूज वेबसाइट मनी कंट्रोल में छपि एक रिपोर्ट के मुताबिक​ भारत सरकार ने पिछले दो सालों में एएसए के तहत कोई नया समझौता नहीं किया है। लेकिन अब भारत सरकार कुछ एएसए को संशोधित करने की इच्छुक है। यह एएसए वो हो सकते हैं जिसमें विदेशी एयरलाइंस को भारतीय एयरलाइंस की तुलना में ज्यादा फायदा हो रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात का केवल 36 फीसद भारतीय एयरलाइंस को जाता है और इन मार्गों पर उत्पन्न होने वाले राजस्व का 60 फीसदी से अधिक विदेशी एयरलाइंस को।

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