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भारत कैसे बन रहा वर्ल्ड क्लास एजुकेशन हब, मंत्री जितेंद्र सिंह ने न्यू यॉर्क में बताया

न्यूयॉर्क में भारत के वरिष्ठ मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की शिक्षा नीति विश्वविद्यालय-से-विश्वविद्यालय लिंक, संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रमों, क्रेडिट पोर्टेबिलिटी और अनुसंधान साझेदारी को बढ़ाने के लिए असंख्य रास्ते खोलती है।

भारत के वरिष्ठ मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह हाल ही में न्यूयॉर्क में प्रवासी भारतीयों के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत एक आकर्षक वैश्विक शैक्षिक गंतव्य बन चुका है। भारत हमेशा से दुनिया के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों का घर रहा है। उसने ऐसे शानदार दिमाग दिए हैं जिन्होंने विज्ञान, कला और मानविकी के विभिन्न क्षेत्रों में अपने काम से वैश्विक प्रभाव डाला है।

मंत्री ने कहा कि साझा मूल्यों वाले दो लोकतंत्रों के रूप में ज्ञान का खुला आदान-प्रदान मजबूत साझेदारी की कुंजी है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या के साथ ही भारत आज अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के शीर्ष स्थल के रूप में उभर रहा है। यहां कई प्रसिद्ध संस्थान और विश्वविद्यालय हैं जिन्हें क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2018 द्वारा दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में स्थान दिया गया है। इसके कई कारण हैं। सबसे अहम ये कि भारत सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है। यहां अत्यधिक कुशल कार्यबल है जो विदेश में काम करने के लिए तैयार और इच्छुक है।

उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास ने योग्य विदेशी श्रमिकों को काम पर रखने के लिए हजारों नए व्यवसायों को आकर्षित किया है। ये सभी कारक भारत को अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक शिक्षा का एक आदर्श स्थान बनाते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण अमेरिका के छात्र भारतीय संस्थानों और विश्वविद्यालयों में रुचि दिखा रहे हैं और विभिन्न पाठ्यक्रमों में नामांकन करा रहे हैं।

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