बहरीन देश ने अपने कुछ पड़ोसी खाड़ी देशों के नक्शे कदम पर चलते हुए अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के प्रयास में विदेशियों के लिए दीर्घकालिक वीजा देने का फैसला किया है। 17 लाख की आबादी वाले बहरीन का आधा हिस्सा विदेशी है। बहरीन को पेशेवर प्रवासियों के लिए एक केंद्र के रूप में देखा जाता है। बहरीन के इस फैसले की प्रमुख वजह तेल की कीमतों में लगातार उतार चढ़ाव को माना जा रहा है। दरअसल इस क्षेत्र के कई मुल्क ईंधन पर निर्भरता से दूर अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने की कोशिश कर रहे हैं और बदले में दुनिया के कुशल पेशेवर और प्रतिभावान प्रवासियों को आकर्षित करने के लिए आव्रजन प्रक्रियाओं में ढील दे रहे है।
बहरीन के आंतरिक मंत्रालय ने नए वीजा को 'गोल्ड रेजीडेंसी' नाम दिया है। यह उन लोगों को आवंटित किया जा सकता है जो कम से कम 2,000 दीनार यानी 5,300 डॉलर (लगभग चार लाख रुपये) का वेतन प्राप्त करते हैं या 4,000 दीनार 13,220 डॉलर (लगभग 10 लाख रुपये) की आय वाले पेंशनभोगी हैं। मंत्रालय ने कहा कि जिनके पास कम से कम 200,000 दीनार की संपत्ति है वह भी गोल्ड रेजीडेंसी हासिल करने के पात्र हैं। इसके अलावा प्रतिभाशाली व्यक्तियों को भी गोल्ड रेजीडेंसी दी जा सकती है।