इमिग्रेशन सिस्टम बदलेगी ऑस्ट्रेलिया सरकार, कुशल पेशेवरों को मिलेगा फायदा
ऑस्ट्रेलिया अपने अप्रवासन सिस्टम में आमूल-चूल परिवर्तन करने जा रहा है। इसका उद्देश्य अत्यधिक कुशल कामगारों को देश में लाना और उनके लिए स्थायी निवास को सुगम बनाना बताया जा रहा है। सरकार ने उच्च कुशल पेशेवरों के लिए वीजा प्रक्रिया को तेज और आसान बनाने की बात कही है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों को देश में बनाए रखने के लिए कदम उठाने का भरोसा भी दिलाया है।
ऑस्ट्रेलिया की संघीय लेबर सरकार ने कहा है कि कुशल प्रवासियों का चयन करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मौजूदा प्रणाली जिसे पॉइंट टेस्ट कहा जाता है, उसमें तब्दीलियां की जाएंगा ताकि सही कौशल वाले लोगों की पहचान करके उन्हें देश में लाया जा सके। ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है। गृह मामलों के मंत्री क्लेयर ओ'नील ने कहा कि हमारी प्रवासन प्रणाली बिखर चुकी है। इसका हमारे व्यवसायों पर बुरा असर पड़ रहा है। प्रवासियों को भी इससे नुकसान हो रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इससे ऑस्ट्रेलियाई लोगों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। हम इसे जारी नहीं रहने दे सकते।
अधिक कुशल प्रवासियों को अपने यहां खींचने के लिए ऑस्ट्रेलिया को कनाडा और जर्मनी जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। देश में बुजुर्ग आबादी की बढ़ती संख्या की वजह से इसमें काफी इजाफा हुआ है। ओ'नील ने कहा कि अस्थायी कुशल वीजा धारक जिन्हें स्थायी निवास के लिए आवेदन करने के अवसर से भी वंचित कर दिया गया था, इस साल के अंत तक ऐसा करने में सक्षम होंगे।
सितंबर में ऑस्ट्रेलिया ने कर्मचारियों की व्यापक कमी से जूझ रहे व्यवसायों की मदद के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष में स्थायी प्रवासियों की संख्या बढ़ाकर 195,000 कर दी थी। इसमें 35,000 तक का इजाफा हुआ था। वीज़ा प्रक्रिया को गति देने की कवायद भी शुरू की थी। सरकार ने कहा है कि 1 जुलाई से वह अस्थायी कुशल कामगारों की प्रवासी मजदूरी सीमा को 53,900 से बढ़ाकर 70,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर कर देगी। इसमें 2013 से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऑस्ट्रेलिया में सभी पूर्णकालिक नौकरियों में से लगभग 90% को अब इस सीमा से अधिक भुगतान ही किया जाता है।