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भारतीय छात्रों की शिकायत पर ऑस्ट्रेलिया का आश्वासन, पोस्ट स्टडी वीजा व्यवस्था में करेंगे सुधार

आस्ट्रेलिया सरकार ने कहा कि वह पढ़ाई के बाद कार्य वीजा (पोस्ट स्टडी वीजा) व्यवस्था में सुधार लाने की कोशिश करेगी। जिन छात्रों को पोस्ट स्टडी वर्क वीजा मिलेगा उन पर 40 घंटे प्रति सप्ताह काम का नियम लागू नहीं होगा।

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने के बाद काम ढूंढने में हो रही दिक्कतों को लेकर भारतीय छात्रों की ओर से की जा रही शिकायतों पर यहां की सरकार ने प्रतिक्रिया दी है। कारोबार मंत्री डैन तेहान ने इन छात्रों को आश्वासन दिया है कि सरकार पढ़ाई के बाद कार्य वीजा (पोस्ट स्टडी वीजा) व्यवस्था में सुधार लाने की कोशिश करेगी। वह गुरुवार को सिडनी की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी में भारत के वाणिज्य उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ छात्रों से वार्ता कर रहे थे।

इस दौरान एक छात्रा ने कहा कि मैं नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पा रही हूं क्योंकि कंपनियां नागरिकता या स्थायी निवास की मांग करती हैं। इस पर तेहान ने भारत के साथ आर्थिक सहयोग एवं कारोबार समझौते का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें पढ़ाई के बाद काम के अधिकारों को और बढ़ाने का एक वास्तविक अवसर है, ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि यदि आप यहां अध्ययन करने आते हैं तो आपको रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सकें।

कार्य वीजा नियमों को आसान बना दिया है ताकि छात्र चार साल तक ऑस्ट्रेलिया में रह सकें।

गौरतलब है कि इस समझौते ने पढ़ाई पूरी करने के बाद कार्य वीजा नियमों को आसान बना दिया है ताकि छात्र चार साल तक ऑस्ट्रेलिया में रह सकें। लेकिन इस बात पर अभी भी संदेह है कि इसे जमीनी स्तर पर किस तरह लागू किया जाएगा। इसके अलावा इंटर्नशिप के लिए आवेदन करने के लिए छात्रों को सप्ताह में 40 घंटे से अधिक काम करने के योग्य होना आवश्यक है, जिसकी अनुमति अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मिल पाना मुश्किल है।

हालांकि तेहान ने यह भी कहा है कि जिन छात्रों को पोस्ट स्टडी वर्क वीजा मिलेगा उन पर 40 घंटे प्रति सप्ताह काम का नियम लागू नहीं होगा। उधर, पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए इस अहम व्यापार समझौते से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में विकास होगा। इससे छात्रों के लिए भी बड़े अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के वर्तमान और भविष्य के संबंधों में शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण घटक है।

पीयूष गोयल ने कहा कि व्यापार और अर्थव्यवस्था का विस्तार होने के साथ ही छात्रों के लिए अवसरों का भी स्वाभाविक रूप से विस्तार होता है और यही हमारा लक्ष्य है। उन्होंने उन्होंने शिक्षा में भारत-ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने का आह्वान किया और विश्वविद्यालय को भारत में अपने पदचिह्नों का विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया में भारत के एक लाख से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।

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