अमेरिका के नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने एलान किया है कि भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स इसके बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट (CFT) मिशन के दो सदस्यीय क्रू को पायलट करेंगी। यह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए पहला क्रूड स्टारलाइनर मिशन है, जहां वे लगभग दो सप्ताह रहेंगे और काम करेंगे।

बोइंग सीएफटी कमांडर बैरी विलमोर को नासा ने अक्तूबर 2020 में प्राइम क्रू नियुक्त किया था। नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स उनके साथ पायलट के तौर पर जुड़ेंगी। इससे पहले वह नासा के बोइंग स्टारलाइनर-1 मिशन की कमांडर रहते हुए सीएफटी के लिए बैकअप टेस्ट पायलट के तौर पर सेवाएं दे चुकी हैं। यह स्टारलाइनर का पहला पोस्ट सर्टिफिकेशन मिशन था।
सीएफटी मिशन के लिए पहले नासा ने साल 2018 में अंतरिक्ष यात्री निकोल मैन को चुना था। लेकिन साल 2021 में एजेंसी ने मैन को अपने स्पेसएक्स क्रू-5 मिशन में जिम्मेदारी सौंप दी थी। नासा ने कहा कि स्पेस स्टेशन पर मौजूद वर्तमान संसाधनों और जरूरतों के आधार पर दो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ कम अवधि के मिशन हमारे और सीएफटी के लिए बोइंट टेस्ट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं।
नासा ने यह भी कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक भेजने के दौरान अप्रत्याशित घटनाओं से बचने के लिए सीएफटी डॉक अवधि को छह महीने तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। जरूरत पड़ी तो एक अतिरिक्त अंतरिक्ष यात्री को भी शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा नासा ने पूर्व में माइक फिंके को सीएफटी के लिए जॉइंट ऑपरेशंस कमांडर नियुक्त किया था। अब वह बैकअप स्पेसक्राफ्ट टेस्ट पायलट के तौर पर प्रशिक्षण देंगे। माइक भविष्य के अभियानों के लिए योग्य बने रहेंगे। मैसाचुसेट्स में डॉ. दीपक और बोनी पांड्या के घर जन्मी सुनीता का साल 1998 में नासा में अंतरिक्ष यात्री के रूप में चयन हुआ था।