Skip to content

अफगानिस्तान मसले पर भारतीय विदेश मंत्री व ब्रिटेन के विदेश सचिव में चर्चा

अफगानिस्तान-भारत संबंध को हमेशा कूटनीतिक कहा गया है। सार्क को सदस्यता का प्रस्ताव देने के साथ-साथ भारत सोवियत समर्थित अफगानिस्तान को मान्यता देने वाला एकमात्र देश था। भारत भी अफगानिस्तान में एक प्रमुख हितधारक रहा है और देश भर में 500 परियोजनाओं पर लगभग 3 बिलियन डॉलर का सहयोग दिया है।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर ब्रिटेन के विदेश सचिव डोमिनिक राब (Dominic Raab) से बातचीत की। जयशंकर और राब के बीच यह बातचीत अफगानिस्तान से अमेरिका और इसके सहयोगी सैन्य बलों की वापसी के एक दिन बाद हुई। दोनों के बीच सप्ताह में यह दूसरी वार्ता थी। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां की स्थितियां लगातार बिगड़ रही हैं। सभी देशों की इस पर कड़ी नजर है।

अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ती स्थिति की भारत गहरी निगरानी रख रहा है। हाल ही में कतर में भारत के राजदूत ने तालिबानी नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से मुलाकात की थी। भारतीय राजदूत ने बैठक के दौरान अफगानिस्तान की जमीन से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए इस्तेमाल होने की चिंता जताई थी। तालिबान नेताओं के अनुरोध पर दोहा में भारतीय दूतावास में यह बैठक हुई थी। भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों में बढ़ोतरी को लेकर है।

उसी दिन विदेश मंत्री जयशंकर ने ओमान के विदेश मंत्री सैय्यद बद्र अल बुसैदी के साथ भी एक बैठक की, जिसमें अफगानिस्तान और कोविड के बारे में चिंता व्यक्त की गई। अफगानिस्तान-भारत संबंध को हमेशा कूटनीतिक कहा गया है। सार्क को सदस्यता का प्रस्ताव देने के साथ-साथ भारत सोवियत समर्थित अफगानिस्तान को मान्यता देने वाला एकमात्र देश था। भारत भी अफगानिस्तान में एक प्रमुख हितधारक रहा है और देश भर में 500 परियोजनाओं पर लगभग 3 बिलियन डॉलर (कई हजार करोड़ रुपयं) का सहयोग दिया है।

भारत की अध्यक्षता में यूएनएससी में एक प्रस्ताव भी पेश किया, जिसमें कहा गया है कि इस क्षेत्र का इस्तेमाल किसी अन्य देश को धमकी देने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अब तक भारत ने 550 से अधिक लोगों को अफगानिस्तान से निकाला है, जिसमें 260 भारतीय शामिल हैं। अब भी भारत के कुछ नागरिक अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं, जिनकी सुरक्षित वापसी के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

Comments

Latest