कनाडा के ओंटारियों स्थित हिंदू मंदिर पर लिखे गए भारत विरोधी संदेश व नारे
कनाडा में एक और हिंदू मंदिर को खालिस्तानी समर्थकों ने भारत विरोधी नारों व चित्रों से रंग दिया है। इस बार इनका टारगेट ओंटारियो प्रांत के विंडसर शहर में बना BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर था। यह घटना मंगलवार देर रात की है। कनाडा में मंदिरों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
BAPS संगठन के प्रवक्ता ने बताया है कि मंदिर की दीवारों पर भारतीय विरोधी संदेश उकेरे गए हैं। भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लिखे गए हैं। घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को तत्काल दे दी गई है। बता दें कि भारत ने इस कृत्य का विरोध किया है और कनाडा प्रशासन से अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है।
WINDSOR POLICE NEWS RELEASE
— Windsor Police (@WindsorPolice) April 5, 2023
Two suspects wanted for hate-motivated graffitihttps://t.co/yOvlYU4ykn@CStoppers with information pic.twitter.com/5bT4ukynSq
बता दें कि पिछले साल जुलाई के बाद से ही हिंदू मंदिरों पर इस तरह के नारों व चित्रों से बिगाड़ने की यह पांचवी घटना है। रिचमंड हिल के विष्णु मंदिर में स्थित महात्मा गांधी की एक प्रतिमा को पिछले साल जुलाई में विरूपित किया गया था। महात्मा गांधी की यह 20 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा मंदिर के पीस पार्क में स्थित थी। ऐसे ही सिंतबर में टोरंटो स्थित BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर के सामने के प्रवेश द्वार पर तोड़फोड़ की एक घटना हुई थी।
Hindu Canadian Foundation Strongly condemns attack on BAPS Temple in Windsor. These repeated attack on Hindu FAITH needs to STOP NOW.
— Hindu Canadian Foundation (@HinduCHH) April 6, 2023
Our Families, women, kids and everyone is under immense fear. WE NEED ALL PEACE LOVING CANDIANS TO STOP THIS HATE and BIGOTRY, STAY AWAY FROM… pic.twitter.com/cOCfDhYi7j
वहीं इस साल 14 फरवरी को मिसिसॉगा कस्बे में श्री राम मंदिर को निशाना बनाया गया था। स्प्रे पेंट के जरिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के खिलाफ नारे लिखे गए थे। इसके अलावा अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन के संस्थापक जरनैल सिंह भिंडरावाले को शहीद के रूप में वर्णित किया गया था। इससे पहले 30 जनवरी को भी ब्रैम्पटन में गौरी शंकर मंदिर को भी इसी तरह से अपवित्र किया गया था। 27 मार्च को इसी तरह महात्मा गांधी की मूर्ति को निशाना बनाया गया। यह मूर्ति ब्रिटिश कोलंबिया के बर्नाबी में साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित थी।
इससे चार दिन पहले 23 मार्च को भी ओंटारियो के हैमिल्टन शहर में सिटी हॉल में स्थित महात्मा गांधी की एक प्रतिमा को विरूपित किया गया था। इस प्रतिमा के पास भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारों/चित्रों को उकेरा गया था। इस घटना की जांच हैमिल्टन पुलिस की घृणा अपराध इकाई द्वारा की जा रही है।
बता दें कि इनमें से किसी भी घटना में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। कनाडा की हिंदू कनेडियन फाउंडेशन ने भी इस घटना की निंदा की है। फाउडेंशन ने कहा कि हमारे परिवार, महिलाएं और बच्चे भय में है। इस घृणा और कट्टरता को रोकने के लिए हम सभी शांतिप्रिय भारतीयों की एकजुट होने की आवश्यकता है ताकि हम इन आतंकवादियों से दूर रहें।