ब्रिटिश भारतीय निवेश बैंकर अंशु जैन का पेट के कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद लंदन में 12 अगस्त को निधन हो गया। अब परिवार में उनकी लेखिका पत्नी और दो बच्चे हैं। वह न्यूयॉर्क की वित्तीय सेवा कंपनी कैंटोर फिजगैराल्ड में अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। इससे पहले वह डॉयचे बैंक के पूर्व सह-सीईओ थे और जर्मनी के बैंक का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-यूरोपीय बैंकर रहे।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अंशु जैन को डॉयचे बैंक की किस्मत बदलने वालों में शुमार किया जाता है। बतौर सह-सीईओ जैन के कई ऐसे फैसले थे, जिस वजह से बैंक तरक्की की राह पर दौड़ पड़ा। अंशु जैन को वर्ष 2009 में डॉयचे बैंक के प्रबंधन बोर्ड में शामिल किया गया था। जैन ने जून 2012 में डॉयचे बैंक में सह-सीईओ का पदभार संभाला था। हालांकि 2015 में कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा देकर हर किसी को चौंका दिया था।