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दुबई NRI की हत्या में कई खुलासे, पुलिस ने आरोपी से बहुत कुछ उगलवाया

NRI हरिंदर को उस वक्त गोली मारी गई जब वह अपने परिवार के साथ स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के लिए जा रहे थे। हरिंदर मात्र दो हफ्ते पहले पंजाब वापस लौटे थे। पुलिस ने इस हत्याकांड में मृतक की पत्नी के प्रेमी को गिरफ्तार किया है। पुलिस को पहले दिन से ही उस पर शक हो रहा था।

बीते 12 सालों से दुबई में काम के सि​लसिले में भारत स्थित पंजाब से गए एनआरआई हरिंदर सिंह की हत्याकांड से जुड़ा एक बड़ा खुलासा पंजाब पुलिस ने किया है। रविवार को हरिंदर सिंह की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी और हरिंदर की पत्नी के कथित प्रेमी अर्शदीप सिंह ने पंजाब पुलिस को बताया कि उसने हरिंदर सिंह की हत्या करने के लिए अपने चाचा की लाइसेंसी बंदूक का इस्तेमाल किया था और अपराध करने के बाद उस बंदूक को वापस वहीं रख दिया।

पंजाब पुलिस अर्शदीप सिंह के साथी वरिंदर सिंह से भी पूछताछ कर रही है।

बता दें कि हरिंदर मात्र दो हफ्ते पहले पंजाब वापस लौटे थे। हरिंदर को उस वक्त गोली मारी गई, जब वह अपने परिवार के साथ स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के लिए जा रहे थे। हरिंदर की पत्नी सतनाम कौर ने पुलिस को बताया कि वह अपने दो बच्चों और हरिंदर के साथ जा रही थी, जब हरकिशन नगर इलाके में दशमेश गन हाउस के पास दो बाइक सवारों ने उनकी मोटरसाइकिल को धक्का दे दिया।

वहीं पंजाब पुलिस अर्शदीप सिंह के साथी वरिंदर सिंह से भी पूछताछ कर रही है। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल हथियार और बाइक को बरामद कर लिया है। पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने द ट्रिब्यून को बताया कि पुलिस को मृतक एनआरआई हरिंदर सिंह की पत्नी पर शक हुआ, क्योंकि पति को खोने वाली महिला का व्यवहार सामान्य नहीं था। उसकी कॉल डिटेल रिपोर्ट से पता चला कि वह नियमित रूप से मोबाइल नंबर पर किसी से बात कर रही थी और उसने पति के दुबई से लौटने के बाद उस नंबर को कॉल करना बंद कर दिया था।

जब जांच की गई तो पता चला कि उसके घर के सामने रहने वाले अर्शदीप सिंह को फोन किया जा रहा था। अर्शदीप ने हरिंदर की हत्या के लिए वरिंदर सिंह के साथ 2,70,000 रुपये का सौदा किया था और एडवांस के तौर पर सिर्फ 3,000 रुपये दिए थे। हरिंदर को अपनी पत्नी के अवैध संबंधों के बारे में पता चल गया था और वह उसकी हरकतों पर नजर रख रहा था।

पुलिस ने कहा कि वह पिछले एक साल से अर्शदीप के साथ रिश्ते में थी। पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की ताकि संदिग्धों के बारे में सुराग मिल सके। पुलिस उपायुक्त परमिंदर सिंह भंडाल ने जांच साझा करने से इनकार कर दिया है लेकिन पुष्टि की है कि हत्यारे ने अपराध में अपने चाचा की लाइसेंसी हथियार का इस्तेमाल किया था। इस बात की जानकारी उसके चाचा को नहीं थी। उन्होंने लूट का रूप देने के लिए पीड़ित का एक मोबाइल फोन और एक पर्स चुरा लिया था।

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