सूडान में जारी हिंसा के बीच भारतीय दूतावास ने भारतीयों को दी यह सलाह
सूडान की राजधानी खार्तूम में बड़े पैमाने पर हिंसा जारी है। इसे देखते हुए सूडान में भारतीय दूतावास ने सोमवार को एक नई एडवाइजरी जारी की है और भारतीयों को अपने घरों से बाहर न निकलने और शांत रहने का आग्रह किया है। इससे पहले दूतावास ने रविवार को जानकारी साझा की थी कि खार्तूम में गोली लगने से एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है।
Advisory number 2 to all Indian Nationals in Sudan as on 16th of April 2023
— India in Sudan (@EoI_Khartoum) April 16, 2023
Dear Indian Nationals in Sudan,
Based on the latest inputs the fighting has not Subsided on day two. We sincerely request all fellow Indians to continue stay where they are and not venture outside.
खार्तूम में हिंसा भड़कने के बाद मिशन ने अपनी दूसरी एडवाइजरी में कहा कि ताजा सूचनाओं के आधार पर ऐसा लगता है कि संघर्ष दूसरे दिन भी कम नहीं हुआ है। हम सभी भारतीयों से अनुरोध करते हैं कि वे जहां हैं वहीं रहें और बाहर न निकलें। भारतीय नागरिक की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि खार्तूम की स्थिति बड़ी समस्याओं में से एक है और भारत ने सुडान के घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाई हुई है।
Press Release
— India in Sudan (@EoI_Khartoum) April 16, 2023
It has been reported that Mr Albert Augestine, an Indian National working in a Dal Group Company in Sudan who got hit by a stray bullet yesterday succumbed to his injuries.
Embassy is in touch with family and medical authorities to make further arrangements.
बता दें कि सूडान के अर्धसैनिक बल और सेना के बीच बढ़ते तनाव के बीच राजधानी खार्तूम के विभिन्न क्षेत्रों में विस्फोट और संघर्ष की सूचना मिल रही हैं। शनिवार को भारतीय दूतावास ने सूडान में भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने और खार्तूम में बड़े पैमाने पर हिंसा को देखते हुए घर के अंदर रहने की सलाह दी थी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सूडान में भारतीयों की संख्या लगभग 4,000 है जिनमें 1200 ऐसे हैं जो दशकों पहले से सुडान में बसे हुए हैं। मालूम हो कि सूडान की सेना ने अक्टूबर 2021 में तख्तापलट करते हुए सत्ता पर कब्जा कर लिया था और तभी से सेना ही एक संप्रभु परिषद के माध्यम से देश चला रही है। लोकंतत्र की चुनी सरकार को सत्ता सौंपने की प्रस्तावित समय-सीमा को लेकर सेना और अर्द्धसैनिक बलों के बीच विवाद रहा है।