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अफगानिस्तान में शहीद अमेरिकी सैनिक गुरप्रीत सिंह को अब मिला यह सम्मान

उन्होंने 22 जून 2011 को अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में लड़ाकू अभियानों का संचालन करते हुए अंतिम बलिदान दिया था। जब वह शहीद हुए, तब उनकी उम्र मात्र 21 वर्ष थी।

एक दशक पहले अफगानिस्तान में एक लड़ाकू मिशन में शहीद हुए सिख अमेरिकी गुरप्रीत सिंह की वीरता के सम्मान में अर्लिंग्टन नेशनल सिमिट्री में गुरुवार को एक आयोजन किया गया, जहां गुरप्रीत सिंह के सम्मान में नवंबर 2020 में एक स्मारक (पत्थर) लगाया गया था।

सशस्त्र बल में शामिल होने के बाद, गुरप्रीत को कैलिफोर्निया के कैंप पेंडलटन में पहली समुद्री डिवीजन की पहली बटालियन, 5वीं मरीन में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 22 जून 2011 को अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में लड़ाकू अभियानों का संचालन करते हुए  अपने प्राणों की आहूति दी थी। उन्हें मरणोपरांत संगरीन जिले में वीरतापूर्ण सेवा के लिए कॉम्बैट "वी" के साथ कांस्य स्टार से सम्मानित किया गया। जब वह शहीद हुए, तब गुरप्रीत सिंह की उम्र मात्र 21 वर्ष थी।

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