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अमेरिका में बढ़ते नस्लीय भेदभाव पर चिंता, सांसदों ने पेश किया रेजोल्यूशन

रेजोल्यूशन में कहा गया है कि अरब, मुस्लिम, मध्य पूर्व, दक्षिण एशियाई और सिख समुदायों ने अमेरिका में लंबे समय से भेदभाव और हिंसा की घटनाओं का सामना किया है, जिनमें हमले के बाद तेजी देखी गई है। सांसदों के इस प्रस्ताव को देश के तमाम संगठनों ने अपना समर्थन दिया है।

Photo by Quick PS / Unsplash

अमेरिकी प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल, इल्हान उमर, रशीदा तलीब, और जूडी चू ने देश में 9/11 हमले के बाद नफरत, भेदभाव, नस्लवाद और ज़ेनोफोबिया को स्वीकार करते हुए एक कांग्रेसनल रेजोल्यूशन (Congressional Resolution) पेश किया। सांसदों ने कहा कि 20 साल पहले हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका में अरब, मुस्लिम, मध्य पूर्व, दक्षिण एशियाई और सिख समुदाय आज भी नफरत और नस्लवाद का शिकार हो रहे हैं। सांसदों ने यह भी स्वीकार किया कि सरकार द्वारा व्यक्तियों को उनके विश्वास, नस्ल, राष्ट्रीय मूल और आप्रवास स्थिति के कारण टारगेट किया गया था।

An American flag waving in the wind
सांसदों ने सरकार से कई समुदायों के प्रति नए नियम बनाने के सुझाव दिए हैं।

अमेरिकी महिला सांसदों ने कहा, "हमें नस्लवाद, ज़ेनोफोबिया, भेदभाव और जातीय या धार्मिक कट्टरता की पूरी तरह निंदा करनी चाहिए, जिसे सितंबर 11 हमले के बाद अरब, मुस्लिम, मध्य पूर्व, दक्षिण एशियाई और सिख समुदायों ने अनुभव किया है। हम स्वीकार करते हैं कि हमारी अपनी सरकार ने इन समुदायों को गलत तरीके से प्रोफाइल और लक्षित करने वाली हानिकारक नीतियों को लागू किया है।" उन्होंने कहा, "हमें यह भी मानना चाहिए कि इन समुदायों ने इन चुनौतियों का अटूट साहस, शक्ति, करुणा के साथ सामना किया है।"

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