अमेरिका में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर, मंथन कर रहे हैं सर्जन जनरल विवेक मूर्ति

अमेरिका के सर्जन जनरल विवेक मूर्ति का मानना है कि देश इस समय मानसिक स्वास्थ्य के संकट का सामना कर रहा है और इस बारे में बातचीत करना जरूरी है। मूर्ति को साल 2014 में सर्जन जनरल नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्होंने यह सीखने के लिए पूरे देश का दौरा किया था कि मदद किस तरह की जा सकती है। इस दौरान उन्होंने एडिक्शन, ओबेसिटी, कैंसर, दिल की बीमारियों समेत अकेलेपन जैसी समस्याओं के बारे में सुना था।

विवेक मूर्ति कहते हैं कि सामाजिक संबंध जीवन के लिए उतने ही जरूरी हैं जितना की पानी और भोजन।

मूर्ति कहते हैं कि यह मेरे निजी जीवन से मेल खाता है क्योंकि मैंने निश्चित तौर पर अपने पूरे जीवन के दौरान अकेलेपन का सामना किया है। उनका कहना है कि बाहर से यह बताना बहुत कठिन होता है कि अंदर क्या हो रहा है। हममें से कई लोग केवल खुद को बहादुर दिखाने की कोशिश करते रहते हैं। उल्लेखनीय है कि अभी भी राजनीतिक नेताओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करना आम नहीं माना जाता लेकिन मूर्ति अलग हैं। मायामी में पले-बढ़े भारतीय मूल के मूर्ति एक अच्छे छात्र थे। लेकिन कैफिटेरिया में उनके साथ बैठने वाला कोई नहीं होता था। उनके लंच बॉक्स में रखा खाना बाकी बच्चों के टिफिन से अलग होता था। उनकी त्वचा का रंग बाकी से अलग था।

विवेक मूर्ति कहते हैं कि मैं जानता हूं कि इन असमानताओं ने मुझे यह महसूस करने के लिए मजबूर किया जैसे कि मैं यहां का हूं ही नहीं। हालांकि यह हार्वर्ड और येल से डिग्री पाने और तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से सबसे युवा सर्जन नियुक्त किए जाने से पहले की बात है। यह कोरोना वायरस महामारी से भी पहले की बात है, जिसने उनके परिवार के 10 सदस्यों की जान ले ली थी।

अमेरिका में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति बहुत गंभीर हुई है। पिछले दो साल के दौरान दो हालात खासे चिंताजनक हुए हैं। इसी वजह से उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से पिछले साल सर्जन जनरल के तौर पर दूसरे कार्यकाल के लिए पेशकश को स्वीकार किया था। मूर्ति यह बताने के लिए कॉन्फ्रेंस, अस्पतालों, स्कूलों में जाते हैं और सोशल मीडिया पर भी लोगों को बताते हैं कि सामाजिक संबंध जीवन के लिए उतने ही जरूरी हैं जितना की पानी और भोजन। वह देश की प्रथम महिला जिल बाइडेन के साथ यूथ मेंटल हेल्थ पर बात करने के लिए सामने आए थे। इसके साथ ही हेल्थकेयर कर्मचारियों की स्थिति को लेकर कमला हैरिस के साथ भी उन्होंने बात की थी।

सर्जन जनरल का कहना है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी बहुत भयावह रही है। लेकिन एक उम्मीद की किरण जो हमें देखने को मिली है, वह यह है कि इसने कई लोगों को दुनिया और अपने जीवन को देखने का एक नया नजरिया दिया है। वह कहते हैं कि यह समझना जरूरी है कि हम किस तरह एक ऐसा समाज बना सकते हैं जो मानसिक स्वास्थ्य और इसकी बेहतरी को समझता है। इसीलिए मैं यहां पर हूं।