भारत में अफगानिस्तान दूतावास 'बंद', तालिबान करेगा संचालन?

संतोष

भारत स्थित अफगान दूतावास बंद होने के कगार पर नजर आ रहा है। इस संबंध में अफगान दूतावास ने भारत सरकार को एक पत्र लिखा है। हालांकि भारत सरकार ने इस पत्र की प्रमाणिकता को लेकर कहा है कि वह इसकी जांच कर रही है। अगर भारत में अफगान दूतावास बंद होता है तो इस पर तालिबान की ओर से आधिकारिक संचालन करने की भी संभावना नजर आ रही है। अगर ऐसा होता है तो भारत उन पहले देशों में शामिल हो जाएगा, जहां तालिबान के नियंत्रण वाला दूतावास कार्य करेगा।

अफगानिस्तान में अगस्त 2021 में तालिबान की सत्ता आने के बाद से भारत स्थित अफगानिस्तान दूतावास में उथल-पुथल का माहौल बना हुआ है। तालिबान सरकार ने भारतीय दूतावास स्थित अपने कारोबार अधिकारी कादर शाह को भारत का राजदूत घोषित कर दिया था। लेकिन भारत स्थित अफगानिस्तान दूतावास के अधिकारियों ने इसे मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने अब्दुल गनी के शासनकाल में नियुक्त राजदूत फरीद ममुंडज़े को ही राजदूत करार देते हुए शाह का विरोध किया। इसके बाद से ही तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान दूतावास को आर्थिक मदद में कटौती करनी शुरू कर दी। इस बीच कादर शाह भी भारत से बाहर चले गए।

दूतावास का कामकाज भी फिलहाल सुचारू नहीं चल रहा है। फोटो: सोशल मीडिया

सूत्र बताते हैं कि इस बीच अफगानिस्तान दूतावास ने भारत सरकार को एक पत्र लिखा, जिसमें उसने कहा कि उसे तालिबानी झंडे की जगह दूतावास में अफगानिस्तान के मूल झंडे को लगाने के इजाजत दी जाए। इसके अलावा अफगानिस्तान दूतावास ने भारत सरकार से यहां पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को एग्जिट वीजा देकर देश छोड़ने की इजाजत देने का भी आग्रह किया। साथ ही अफगानिस्तान दूतावास ने 3000 अफगानी छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए स्टडी वीजा देने की भी मांग की।

इस मसले पर अफगानिस्तान दूतावास का कहना है कि भारत सरकार ने इस पर कोई भी जवाब नहीं दिया। उसने इसे लंबित रखा। पता चला है कि अफगानिस्तान दूतावास में मौजूद राजदूत फरीद ममुंडज़े लंदन चले गए। यह कहा जा रहा है कि उन्होंने वहां पर  शरण हासिल कर ली है। इसी तरह से भारत स्थित अफगानिस्तान दूतावास के कई अन्य अधिकारियों ने भी दूसरे देशों में शरण हासिल कर ली, जबकि यहां पर बचे हुए शेष अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी भारत से बाहर जाकर किसी तीसरे देश में शरण लेने का निर्णय कर लिया है। भारत स्थित अफगानिस्तान दूतावास का कहना है कि तालिबान सरकार की ओर से उन्हें कोई भी आर्थिक मदद दूतावास संचालन के लिए नहीं दी जा रही है, ऐसे में उनके पास दूतावास बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

भारत में अफगानिस्तान दूतावास के बंद होने संबंधी सवाल पर विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि यह उनकी आपसी तनातनी का नतीजा है। दूतावास के अंदर आपसी लड़ाई चरम पर है। इसके अलावा भारत में अफगानिस्तान के राजदूत भी लंबे समय से भारत से बाहर है। यहां के कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने दूसरे देशों में शरण हासिल कर ली है। भारत इस मामले में अफगानिस्तान दूतावास की ओर से सामने आए कथित पत्र की विषय वस्तु की प्रमाणिकता की जांच कर रहा है। भारत सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इससे संबंधित कोई भी आधिकारिक बयान पूर्ण पुष्टि के बाद ही जारी किया जाएगा।