भारत सरकार ने देश में व्यापार को आसान बनाने और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए कानूनों में बड़े बदलाव कर दिए हैं। सरकार ने सीमित जवाबदेही भागीदारी (LLP) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी। अब इन कानून के 12 प्रावधानों को आपराधिक श्रेणी से बाहर यानी डीक्रिमिनिलाइज कर दिया है। सरकारी की सोच है कि देश में प्रवासियों समेत ज्यादा से ज्यादा लोगों को कारोबार के लिए आकर्षित किया जाए। उन्हें अब स्टार्टअप करने में आसानी होगी और कानून के उल्लंघन पर जुर्माना देना होगा। संशोधित कानून के तहत छोटे एलएलपी के लिए परिभाषा पेश की जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि संशोधन के तहत जिन बदलावों का प्रस्ताव किया गया है, उसमें कानून के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर उसे आपराधिक कार्रवाई से बाहर रखना भी शामिल है। सीतारमण ने कहा कि सरकार के इस फैसले के बाद एलएलपी अधिनियम में दंडात्मक प्रावधानों की संख्या घटकर 22 रह जाएगा। इसके अलावा सुलह के जरिये बिजनेस के मामलों को निपटाने वाले अपराधों (कंपाउंडेबल ऑफेन्स) की संख्या 7 रह जाएगी. वहीं गंभीर अपराधों की संख्या 3 ही बचेगी।