सर्वाइकल कैंसर चौथा कॉमन कैंसर है, जो पूरी दुनिया में महिलाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। अगर हम कम विकसित देशों की बात करें तो यह महिलाओं में दूसरा कॉमन कैंसर है। दुनिया में करीब 10 में से एक महिला को यह कैंसर होता है। अगर समय पर इसके बारे में पता नहीं चलता है तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। भारत में इस बीमारी को लेकर जागरूकता की कमी है। इसे देखते हुए अमेरिका स्थित भारतीय मूल के डॉक्टरों के संगठन ने अगले महीने भारत जाकर जागरुकता अभियान चलाने का इरादा जताया है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने अनुमान लगाया है कि दुनिया में इस बीमारी के करीब 530,000 नए केस सामने आ सकते हैं। इसके साथ ही करीब 2 लाख 70 हजार की जान इस बीमारी की वजह से जा सकती है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इनमें से करीब 85 फीसदी मौत कम और मध्यम आय वर्ग के इनकम वाले देशों में होगी। हालांकि डब्ल्यूएचओ का मनाना है कि शुरुआती दौर में इस बीमारी का इलाज संभव है। इसके लिए जागरुकता के साथ समय समय पर स्क्रिनिंग और टेस्ट कराने की जरूरत है। लेकिन दुर्भाग्य से भारत में ज्यादातर महिलाएं स्क्रिंनिंग को लेकर अवेयर नहीं हैं। भारत में कई महिलाएं इलाज कराने के लिए डॉक्टर के पास तब पहुंचती हैं जब यह बीमारी एडवांस स्टेज में पहुंच जाती है। तब तक देर हो चुकी होती है और बीमारी का इलाज और रिकवरी मुश्किल हो जाती है।