कोरोना महामारी को देखते हुए आपदा में अवसर तलाश करने वाले 48 साल के मुकुंद मोहन को अमेरिका के वॉशिंगटन में दो साल की सजा सुनाई गई है। मुकुंद मोहन ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से कोविड-19 आपदा राहत ऋण को हासिल करने का षडयंत्र किया था।
मुकुंद मोहन पेशे से टेक एक्जीक्यूटिव हैं और क्लाइड हिल में रहते हैं। उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दोषी ठहराया गया है। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, मोहन ने आठ झूठे आपदा ऋण आवेदनों के माध्यम से 5.5 मिलियन डॉलर यानी लगभग 40 करोड़ 65 लाख रुपये से अधिक की मांग की थी।