इंडिया का बजट : चुनौतियों के मद्देनजर एक विवेकपूर्ण प्रयास

अगर भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को वास्तव में लगता था कि उनके पांचवें केंद्रीय बजट को समाज और राजनीतिक गलियारों में हर तरफ से हरी झंडी मिलने वाली है तो वह अपनी एक अलग ही दुनिया में रही होंगी। वैसे, बजट की कवायद शुरू करते हुए वित्त मंत्री और उनके मंत्रालय के अधिकारी न केवल विश्व की जटिल आर्थिक चुनौतियों से अवगत थे बल्कि उन्हे भारत की वास्तविकताओं का भी इल्म था। उन्हें मालूम था कि गरीबी और समाज में बढ़ती आर्थिक खाई को पाटना निश्चित रूप से दुरूह काम होगा।