अमेरिका ने कहा- भारतीय दूतावास पर खालिस्तानी हमले की जांच 'आक्रामक' स्तर पर

करीब 9 महीने बाद अमेरिका ने भारत को भरोसा दिलाया है कि सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी हमले की जांच 'आक्रामक' स्तर पर की जा रही है। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों ने इस साल मार्च में हमला किया था और उस घटना पर खासा हंगामा हुआ था।

उस घटना की जांच को अंतिम रूप देने का आश्वासन अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (FBI) निदेशक क्रिस्टोफर रे और भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक दिनकर गुप्ता के बीच हुई एक अहम बैठक में सामने आया है।

बीते मार्च में खालिस्तान समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर धावा बोला था जिससे कामकाज बाधित हुआ था। खालिस्तानी समर्थक उस समय भगोड़े अमृतपाल सिंह की रिहाई की मांग कर रहे थे जो इस समय असम के डिब्रूगढ़ में कैद है। अमृतपाल कई दिनों की फरारी के बाद पकड़ा गया था। खालिस्तानी समर्थकों ने हथियारों के साथ भारतीय दूतावास पर हमला बोला था और उसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल रहे।

नई दिल्ली में दोनों देशों के आला अधिकारियों की बैठक के दौरान आतंकवादी-संगठित आपराधिक नेटवर्क, साइबर-आतंकवाद और विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों की जांच पर चर्चा की गई। पंजाब-कैडर के आईपीएस अधिकारी और NIA महानिदेशक ने संगठित आपराधिक सिंडिकेट के सदस्यों के साथ आतंकवादी संगठनों और आतंकवादी तत्वों के बीच सक्रिय सांठगांठ पर भी प्रकाश डाला। संगठित अपराध का नेटवर्क अमेरिका में भी फैल रहा था।

हालांकि अमेरिका ने अभी तक सैन फ्रांसिस्को हमले की जांच पूरी नहीं की है और मुंबई हमले के सह-साजिशकर्ता तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण नहीं किया है लेकिन FBI निदेशक रे ने यह कहकर मतभेदों को दूर करने की कोशिश की कि दोनों एजेंसियों में बहुत कुछ समान है और मतभेदों से कहीं अधिक समानताएं हैं।