भारत में पैगंबर मोहम्मद को लेकर शुरू हुआ विवाद लगातार गर्माता जा रहा है। वहां केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसे लेकर पहले तो आतंकवादी संगठन अल-कायदा की ओर से धमकी आई और अब देश की कई निजी और सरकारी वेबसाइट्स को साइबर हमलों का सामना भी करना पड़ा है। बता दें कि नुपुर शर्मा को भाजपा ने पार्टी से निलंबित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार ये श्रृंखलाबद्ध हमले हैकर्स के समूह 'ड्रैगनफोर्स मलेशिया' (DragonForce Malaysia) की ओर से किए गए हैं। हैकर्स ने इस्राइल में भारतीय दूतावास, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट (NIAEM) और इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) के ई-पोर्टल के साथ-साथ कई अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर साइबर हमले किए हैं। कुल मिलाकर हैकर्स ने लगभग 70 वेबसाइट्स को निशाना बनाया।
हैकर्स ने दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) समेत देश के कई प्रतिष्ठित स्कूलों की वेबसाइट्स पर भी हमले किए। अकेले महाराष्ट्र में 50 से अधिक वेबसाइट्स हैक पाई गई हैं। इन हमलों में हैकर्स ने ऑडियो क्लिप्स और टेक्स्ट मैसेज के जरिए संदेश दिया है कि 'आपके लिए आपका धर्म है और हमारे लिए हमारा धर्म है।' इनमें मुस्लिम हैकर्स के साथ दुनियाभर के सभी हैकर्स, मानवाधिकार संगठनों और कार्यकर्ताओं से भारत के खिलाफ एक अभियान चलाने की अपील भी की गई है।
हालांकि भारतीय अधिकारियों ने रविवार को इस्राइल में भारतीय दूतावास की वेबसाइट को अपने नियंत्रण में ले लिया था। लेकिन आईसीएआर की वेबसाइट के कुछ पेज पर समस्या बनी हुई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार ये साइबर हमले आठ से 12 जून के बीच हुए थे। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हैकर्स के इसी समूह ने भारत के एक प्रख्यात बैंक की वेबसाइट में सेंध लगाने की कोशिश भी की थी। बता दें कि 'ड्रैगनफोर्स मलेशिया' हैकर्स ग्रुप के 13,000 से अधिक सदस्य बताए जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि रविवार को महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की वेबसाइट भी हैक कर ली गई थी। पुलिस ने बताया था कि हैकर्स ने अपनी पहचान ‘ड्रैगनफोर्स मलेशिया’ के रूप में दिया था। इन्होंने वेबसाइट के होम पेज पर संदेश दिया कि ‘यह हमारे पैगंबर के अपमान को लेकर एक विशेष अभियान है।’ इस संदेश में भारत के खिलाफ अभियान शुरू करने का आग्रह किया गया था। इंस्टीट्यूट की वेबसाइट को एक मालवेयर के जरिए हैक किया गया था।