सूडान के सबसे बड़े सेरामिक टाइल निर्माता नोबल्स ग्रुप के लिए काम करने वाले भारत के 62 नागरिक वहां फंसे हुए हैं। इन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। पासपोर्ट जमा करवा लिए गए हैं और उनके पास पैसा तेजी से खत्म हो रहा है। ऐसी स्थिति में इन लोगों ने सवाल उठाया है कि हम देश कैसे छोड़ें।

इन लोगों की समस्याएं तभी शुरू हो गई थीं जब ये सूडान पहुंचे थे। लेकिन स्थिति तब गंभीर हो गई जब अक्तूबर में सैन्य तख्तापलट हो गया था। वहीं, इसके बाद कंपनी के मालिक मोहम्मद अल-मनून मध्य-पूर्व भाग गए थे और कंपनी को सैन्य सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया है।