अकेले ही मारे 79 चीनी सैनिक, भारत के इस वीर को अब भी पुरस्कार का इंतजार

भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस साल की शुरुआत में एक गुमनाम नायक की प्रतिमा का अनावरण करते हुए एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि हम भारतीय सेना के हवलदार शेरे थापा के बारे में बहुत कम जानते हैं जिन्होंने 1962 के युद्ध के दौरान ऊपरी सुबांसिरी सेक्टर में चीनी सेना के हमलों का बहादुरी से सामना किया था। थापा को अभी भी केंद्र सरकार की ओर से मान्यता नहीं मिल पाई है।

60 साल बाद भी इतिहास के पन्नों में खोए इस साहसी वीर को वह सम्मान मिलना अभी बाकी है जिसके वह हकदार हैं।

भारतीय सेना में जम्मू-कश्मीर रायफल्स की दूसरी बटालियन के थापा ने नवंबर 1962 में अरुणाचल के सुबांसिरी सेक्टर में हुई लड़ाई में अकेले 79 चीनी सैनिकों को मार गिराया था और इससे कहीं अधिक चीनी सैनिकों को घायल किया था। असाधारण बहादुरी का प्रदर्शन करने के बाद वह भी शहीद हो गए थे। 60 साल बाद भी इतिहास के पन्नों में खोए इस साहसी वीर को वह सम्मान मिलना अभी बाकी है जिसके वह हकदार हैं।