भारतीय उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के प्रयासों को रफ्तार देते हुए 48 विदेशी विश्वविद्यालयों ने यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की नई पहल को लेकर प्रतिक्रिया दी है। इस पहल का नाम ट्विनिंग (Twinning) है और भारतीय व विदेशी विश्वविद्यालयों के बीच इसमें जॉइंट डिग्री और डुअल डिग्री प्रोग्राम्स के लिए नियम व दिशा निर्देश हैं।
स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो ने शैक्षणिक सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करने में रुचि व्यक्त की है। ऑस्ट्रेलिया की डीकिन यूनिवर्सिटी ने यूजीसी से कहा है कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) एक विकासोन्मुख नीति है जो भारतीय संस्थानों के साथ नए संबंधों का निर्माण करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा भी कई अन्य विदेशी विश्वविद्यालय हैं जो भारत में सैटेलाइट कैंपस स्थापित करने में रुचि दिखा चुके हैं। अप्रैल 2020 में यूजीसी ने भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए विदेशी संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए नियम जारी किए थे। रेगुलेशन के अनुसार छात्र अलग-अलग और एक साथ भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा प्रदान की जाने वाली दोहरी डिग्री अर्जित करने में सक्षम होंगे।
यूजीसी के एक सूत्र के अनुसार संभावित सहयोग के लिए ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के अधिकारी यूजीसी के अधिकारियों से अगस्त में बातचीत करने वाले हैं। फ्रांस के एक विश्वविद्यालय ने जल्द ही भारत में एक सैटेलाइट सेंटर स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज और यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो ने भी रुचि प्रदर्शित की है।
यूजीसी के चेयरमैन एम जगदेश कुमार ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों के बीच बड़े स्तर पर वार्ताएं हुई हैं। इन वार्ताओं का एक प्रमुख बिंदु शिक्षा भी रहा है। कुमार ने कहा कि हमारे संस्थानों से निकले छात्रों ने विदेशों में शानदार प्रदर्शन किया है। इसका मतलब है कि विदेशी संस्थानों को पता है कि हमारी शिक्षा गुणवत्ता कितने उच्च स्तर की है।