अबू धाबी के BAPS हिंदू मंदिर पहुंचे 30 दूत, बताया सहिष्णुता का प्रतीक

अबू धाबी में बन रहे BAPS हिंदू मंदिर में एकजुटता का संकेत देते हुए बीते दिन 30 देशों के दूत पहुंचे। इनमें संयुक्त अरब अमीरात में इजरायल के दूत समेत इंडोनेशिया, बांग्लादेश और मालदीव जैसे इस्लामी देशों के दूत भी शामिल हुए थे। सभी विशिष्ट अतिथियों को संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय राजदूत संजय सुधीर द्वारा आमंत्रित किया गया था।

मंदिर की भव्यता को देख राजनयिक मोहित हो गए Photo : @IndembAbuDhabi

इस मंदिर का अपना महत्व है क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में इसकी आधारशिला रखी थी। यात्रा के दौरान राजदूत सुधीर ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात को जोड़ने वाले ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व पर जोर देते हुए मंदिर के विकास को लेकर जानकारी साझा की। उन्होंने एक सामंजस्यपूर्ण, बहुसांस्कृतिक और सहिष्णु समाज को बढ़ावा देने के उनके दृष्टिकोण के लिए यूएई के नेतृत्व की सराहना की। मिली जानकारी के अनुसार मंदिर की भव्यता को देख राजनयिक मोहित हो गए थे। उन्होंने मंदिर को शांति, सहिष्णुता और सद्भाव के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में मान्यता दी।

स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान और प्रधानमंत्री मोदी की समान प्रशंसा की। Photo : @AbuDhabiMandir

वहीं एक वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने यूएई और दुनिया के लिए मंदिर के महत्व के बारे में अपने विचार रखे। उन्होंने यूएई नेतृत्व की दृष्टि और दिशा के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त किया और BAPS हिंदू मंदिर की घोषणा और निर्माण को अपने जीवन के सबसे मर्मस्पर्शी और संतुष्टिदायक क्षणों में से एक बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वास्तविक परिवर्तन तब होता है जब विभिन्न संस्कृतियां समानता और निष्पक्षता को अपनाते हुए सम्मानपूर्वक एक-दूसरे से जुड़ती हैं।

ऐसे ही अपने संबोधन में स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने राजदूतों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि राजनयिकों की उपस्थिति विश्वास और संस्कृति की एकीकृत शक्ति का उदाहरण है।उन्होंने कहा कि अतीत का जश्न मनाते हुए, वर्तमान को संबोधित करते हुए और भविष्य को पुनर्गठित करते हुए यह मंदिर प्राचीन कला और वास्तुकला, आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सार्वभौमिक मूल्यों और आध्यात्मिकता को समाहित करता है।

स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान और प्रधानमंत्री मोदी की समान प्रशंसा की और यूएई व भारतीय नेतृत्व दोनों का आभार व्यक्त किया। बता दें कि BAPS हिंदू मंदिर फरवरी 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। BAPS हिंदू मंदिर न केवल भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एकता के प्रतीक के रूप में बल्कि दोनों देशों के बीच स्थायी दोस्ती के रूप में भी बहुत महत्व रखता है।

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