30 देशों तक UPI को पहुंचाने में जुटा है भारत, ये देश तो हां भी कर चुके हैं
भारत के भुगतान बाजार में UPI की जबरदस्त पकड़ बनाए जाने के बाद अब यह तकनीकी सुविधा दुनिया भर में हलचल मचाने के लिए तैयार है। डिजिटल इंडिया वीक को संबोधित करते हुए भारत के आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने महत्वूपर्ण जानकारी देते हुए कहा कि भारत UPI के विस्तार के लिए 30 देशों के साथ बातचीत कर रहा है जबकि तीन देशों ने पहले ही UPI को अपने देशों में लाने के लिए भारत सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
गुजरात स्थित गांधी नगर में आयोजित इस शिखर सम्मेलन के दौरान वैष्णव ने UPI से जुड़े आंकड़ें साझा करते हुए बताया कि मई और जून में UPI के जरिए 10 लाख करोड़ से अधिक मूल्य से अधिक के लेन देन हुए हैं। यही वजह है कि इस तकनीक को फ्रांस, यूएई और सिंगापुर अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंच ने डिजिटल सेवा क्षेत्र में एकाधिकार के निर्माण से परहेज किया है, जो विकसित देशों में मौजूद है।
वैष्णव ने बताया कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जून 2022 में एनपीसीआई (नेशनल पैमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) इंटरनेशनल ने देश में UPI और RuPay कार्ड स्वीकार करने के लिए फ्रांस के लायरा नेटवर्क के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। एनपीसीआई इंटरनेशनल ने पहले भी UPI को लेकर नेपाल, यूएई, सिंगापुर, जापान और चीन में कई संस्थानों के साथ करार किया है। अब एनपीसीआई सीमा पार से प्रेषण करने के लिए यूपीआई को एक चैनल के रूप में स्थापित करने पर भी काम कर रहा है।
बता दें कि सत्र का उद्घाटन करने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी समापन टिप्पणी में कहा कि UPI ने आर्थिक बाधाओं को पार किया है और प्रत्येक नागरिक को समान रूप से सशक्त बनाया है। यह दर्शाता है कि डिजिटल इंडिया द्वारा उत्पादित डिजिटल समाधान स्केलेबल, सुरक्षित और लोकतांत्रिक हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया UPI से आकर्षित है और वास्तव में विश्व बैंक सहित सभी ने इसकी सराहना की है। पीएम मोदी ने जोर देते हुए कहा कि हर मिनट 1लाख 30 हजार का लेनदेन UPI के जरिए होता है। दुनिया का 40 फीसदी डिजिटल लेनदेन भारत में होता है। UPI वर्तमान में भारत में सबसे लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्रणाली है। इसमें 330 बैंक जुड़े हुए हैं जिनका औसत टिकट आकार UPI लगभग 1,730 रुपये प्रति लेनदेन है।