भारतीय मूल के तीन चिकित्सा वैज्ञानिकों को अमेरिका में मैरीलैंड स्टेम सेल रिसर्च (MSCRF) आयोग अनुदान पुरस्कारों के लिए चुना गया है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारतवंशियों में जिनेवा फाउंडेशन की डॉ. रूपा बिस्वास, जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय की डॉ. मनीषा कुमारी और डॉ. हरि ईश्वरन शामिल हैं। इन पुरस्कारों का उद्देश्य मैरीलैंड में स्टेम सेल उपचार और प्रौद्योगिकियों को मजबूत बनाते हुए नए अनुसंधानों को बढ़ावा देना है। 2023 के लिए पुरस्कार पाने वालों में कई अन्य लोगों के नाम भी हैं।
बिस्वास फेफड़े संबंधी रोगों के विशेषज्ञ हैं। उन्हें लॉन्च श्रेणी में रीजेनरेटिव मेडिसन क्षेत्र में नए अनुसंधान करने और प्रौद्योगिकी को मजबूत बनाने के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया है। पश्चिम बंगाल में जन्मे बिस्वास कलकत्ता विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। इस समय वह यूनिफ़ॉर्म्ड सर्विसेज यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज (USUHS) में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
मनीषा कुमारी पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च एसोसिएट हैं। उन्हें पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप श्रेणी में असाधारण फेलो के रूप में मैरीलैंड में शोध करने के लिए सम्मानित किया गया है। मनीषा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की छात्रा रही हैं। उन्हें ड्रग लोडेड नैनो कणों के डिजाइन, रासायनिक संश्लेषण में विशेषज्ञता हासिल है।
एसोसिएट प्रोफेसर ईश्वरन को मानव स्टेम सेल आधारित तकनीक और उपचार विकसित करने के लिए डिस्कवरी श्रेणी के तहत सम्मानित किया गया है। उन्होंने जर्मनी के हम्बोल्ट विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। वह ट्यूमर के शुरुआत दौर में आणविक तंत्र विकसित करने पर काम कर रहे हैं।
MSCRC राज्य में सेल थेरेपी निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए अनुदान प्रदान करता है। ये अनुदान लॉन्च, डिस्कवरी और पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं। इसके अलावा सेल थेरपी के विकास की क्षमताओं के लिए भी प्रदान किया जाने लगा है।
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