अमेरिका में भारतीय मूल के हाई स्कूल की दो छात्राओं को एडिशन स्कॉलर्स के लिए 30 अमेरिकी छात्रों के साथ चुना गया। इनमें ऑक्सफोर्ड अकादमी की रिया जेठवानी और सैन जोकिन हाई स्कूल की मोनिका पाल शामिल हैं। ये दोनों कैलिफोर्निया के ऑरेंज काउंटी की रहने वाली हैं। है। इन्हें एडिशन इंटरनेशनल की तरफ से छात्रवृति के तौर पर करीब 11 लाख डॉलर (नौ करोड़ रुपये) से अधिक दिए जाएंगे।
रिया जेठवानी की योजना अपने समुदाय की साइबर सुरक्षा और इस खतरे के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए खुद को समर्पित करना है। उन्होंने एक केंद्रीकृत सुरक्षा प्रबंधन मंच IOTAnet बनाने में एक टीम की अगुवाई की है। जिसे डिजिटल प्रतियोगिता के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय निरस्त्रीकरण मामलों के ऐप्स के शीर्ष पांच फाइनलिस्ट में रखा गया है। स्कूल में उन्होंने पासवर्ड एन्क्रिप्शन के महत्व को उजागर करने के लिए कार्यशाला की मेजबानी की है।
वहीं, छात्रवृति के चुनी गई मोनिका पाल ने हाई स्कूल में पूरे चार साल कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है। वह इसे आगे कॉलेज में भी जारी रखना चाहती है। कंप्यूटर विज्ञान में डिग्री हासिल करने के अपने लक्ष्य का श्रेय वह अपनी मां और एक पूर्व रसायन शास्त्र प्रोफेसर को देती हैं। मेडिकल की पढ़ाई कर चुके उनके चचेरे भाई ने मोनिका को प्रोग्रामिंग में कुशलता हासिल करने की सलाह दी थी।
बताया गया है कि छात्रवृति का मकसद इन छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग , गणित (STEM) की पढ़ाई करने में मदद करना है। हर साल हाई स्कूल के योग्य छात्रों को दक्षिणी कैलिफोर्निया में एडिसन के सेवा क्षेत्र से चुना जाता है। हरेक एडिसन स्कॉलर को चार साल के मान्यता प्राप्त अमेरिकी कॉलेज या विश्वविद्यालय में एसटीईएम क्षेत्रों में अपनी शैक्षणिक खोज को आगे बढ़ाने के लिए चार वर्षों में भुगतान की गई 30,61,640 रुपये की छात्रवृति मिलेगी। एडिसन स्कॉलर्स प्रोग्राम 2006 में स्थापित किया गया था। तब से, 730 हाई स्कूल के छात्रों को संस्थान की तरफ से छात्रवृति दी जा चुकी है। एडिसन स्कॉलर्स प्रोग्राम पूरी तरह से एडिसन इंटरनेशनल शेयरधारकों द्वारा वित्त पोषित है।
भारतीय मूल की इन दो छात्राओं को किसलिए मिली यह विशेष छात्रवृति
रिया की योजना अपने समुदाय की साइबर सुरक्षा और उसे इस खतरे के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने एक केंद्रीकृत सुरक्षा प्रबंधन मंच बनाने में एक टीम की अगुवाई की है। मोनिका पाल ने हाई स्कूल में पूरे चार साल कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है। वह इसे कॉलेज में भी जारी रखना चाहती है।
